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सीएम योगी यूपी में ‘मिशन शक्ति’ और अपराधी ‘मिशन रेप’ चला रहे हैं : संजय सिंह

Sanjay Singh

Sanjay Singh

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी में नारा दिया था ‘ना भ्रष्टाचार ना गुंडाराज, अबकी बार भाजपा सरकार’ लेकिन आप आज उत्तर प्रदेश के अखबारों को उठाकर देखेंगे, तो आपका सर शर्म से झुक जाएगा।

कहीं 8 साल की बच्ची से बलात्कार, कहीं 10 साल की बच्ची से बलात्कार, तो कहीं 12 साल की बच्ची से बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। यूपी के मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में कल 7 साल की बच्ची के मुंह में कपड़ा घुसाकर बलात्कार किया गया। घाटमपुर में 6 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और उसके सीने को काटकर कलेजा निकाल लिया गया। बुलंदशहर में एलएलबी की छात्रा आत्महत्या कर लेती है।

संजय सिंह ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में जिस तरह से बेटियां आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। यूपी की महिलाओं और बेटियों को योगी आदित्यनाथ की सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं रह गई है। चित्रकूट में बलात्कार पीड़िता की जब एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो उसने आत्महत्या कर ली। प्रतापगढ़ में एक लड़की ने न्याय न मिलने की वजह से आत्महत्या कर ली। आज उत्तर प्रदेश में यह क्या हो रहा है?

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उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी महिलाओं और बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम रहे हैं। वह मिशन शक्ति का फर्जी नारा दे रहे हैं। योगी जी विज्ञापनों के जरिए बड़े-बड़े अखबारों में इश्तेहार देकर अपना चेहरा चमका रहे हैं। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मिशन शक्ति का उनका नारा महिलाओं को चिढ़ाता है, यूपी की कानून व्यवस्था को चिढ़ाता है। यूपी के सीएम मिशन शक्ति चला रहे हैं और अपराधी उत्तर प्रदेश में मिशन रेप चला रहे हैं।

संजय सिंह ने आगे कहा कि आए दिन बलात्कार की घटनाओं से उत्तर प्रदेश शर्मसार हो रहा है. यूपी में इस समय बहुत बड़ा कानून व्यवस्था का मामला खड़ा हो गया है। आज यूपी सरकार के लिए एसआईटी सुरक्षा कवच बन चुकी है। यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती में घोटाला हुआ, उसमें एसआईटी का गठन किया गया, पूरे मामले में क्या हुआ कुछ नहीं पता चला। महोबा के अंदर इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या एसपी करता है, उसमें एसआईटी का गठन किया गया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। 800 का ऑक्सीमीटर 5000 में 1600 का ऑक्सीमीटर 13000 में खरीदा गया, एसआईटी का गठन किया गया, पूरे मामले में क्या हुआ कुछ पता नहीं चला।

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उन्होंने आगे कहा कि यूपी के सीएम को एसआईटी को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उनको बताना चाहिए कि जिन मामलों में उन्होंने एसआईटी का गठन किया, उन मामलों में क्या कार्रवाई की गई? कितने लोग जेल गए, कितने लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई, कितने लोगों पर निलंबन की कार्रवाई की गई। अगर यूपी सरकार ऐसा नहीं करती है, तो एसआईटी योगी सरकार के लिए सुरक्षा कवच से ज्यादा कुछ नहीं है, एक सफेद हाथी से ज्यादा कुछ नहीं है।

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