अयोध्या। 500 साल तक चले विववाद के बाद अयोध्या में भव्य राममंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज से गर्भगृह का निर्माण शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) ने आज गर्भगृह के निर्माण के लिए पहली शिला रखी। इसके साथ ही 29 मई से शुरू हुआ सर्वदेव अनुष्ठान का समापन हो गया। अब सीएम योगी (CM Yogi) निर्माण स्थल के पास द्रविड़ शैली में बने मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
#WATCH | Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath performs ‘poojan’ of Garbhagriha at Ayodhya’s Ram Mandir. pic.twitter.com/DFe98HUWeY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 1, 2022
5 अगस्त 2020 को पीएम ने किया था भूमि पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के मंदिर के गर्भगृह स्थल पर 05 अगस्त 2020 को भूमि पूजा करके निर्माण कार्य को गति प्रदान की थी। एलएंडटी ने भविष्य के मंदिर की नींव के लिए एक डिजाइन का प्रारूप बनाया था । उसके अनुरूप परीक्षण किया गया था। आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आए, तो इस विचार को स्थगित कर दिया गया। यह परीक्षण अगस्त-सितंबर-अक्टूबर 2020 में किया गया था।
मंदिर के गर्भगृह क्षेत्र के अंदर राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर का प्रयोग किया जाएगा। नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक भी अयोध्या पहुंचने लगे हैं।
मंदिर निर्माण क्षेत्र और उसके प्रांगण के क्षेत्र सहित कुल आठ एकड़ भूमि को घेरते हुए एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग परकोटा बनेगा। इसी के पूर्व भाग में प्रवेश द्वार होगा। इसे भी बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा। यह परकोटा भीतरी भूतल से 18 फीट ऊंचा है और चौड़ाई में 14 फीट होगा।
घर में इस जगह पर न रखें भगवान गणेश की मूर्ति
मंदिर परियोजना में परकोटा (नक्काशीदार बलुआ पत्थर) के लिए उपयोग किए जाने वाले पत्थरों की मात्रा लगभग 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट है। 6.37 लाख घन फीट बिना नक्काशी वाला ग्रेनाइट प्लिंथ के लिए, लगभग 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर मंदिर के लिए, 13,300 घन फीट मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर गर्भगृह निर्माण के लिए और 95,300 वर्ग फुट फर्श और क्लैडिंग के लिए प्रयोग किया जाएगा। एक क्यूबिक फीट का मतलब एक फुट चौड़ा, एक फुट लंबा और एक फुट ऊंचा होता है।