लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश में कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। उन्होंने (CM Yogi) कहा कि कांवड यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री (CM Yogi) के इस फ़ैसला का विपक्ष ने कडा विरोध किया है।
गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते जैसे नामों से क्या पता चलेगा : अखिलेश
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया है। उन्होंने अदालतों से इस मामले को खुद संज्ञान लेने का अनुरोध किया। अखिलेश ने एक्स पर लिखा, ‘और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?’ उन्होंने लिखा, ‘माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव गलत है: जदयू
बीजेपी के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता केसी त्यागी ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को वापस लिए जाने को कहा है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर पुलिस के खाने-पीने वाले दुकानदारों का नाम प्रदर्शित करने से सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। केसी त्यागी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा में कभी सांप्रदायिक तनाव की कोई खबर नहीं आई। धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव गलत है और इससे सांप्रदायिक विभाजन ही बढ़ेगा।
मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश बिगाड़ सकता है माहौल : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों का नाम लिखने का मुजफ्फरनगर पुलिस का फरमान गलत परंपरा है। यह सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है। जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने बृहस्पतिवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है।
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वहीं दूसरी ओर उन्होंने संभल जिले में स्कूली बच्चों के जूते उतारने के मामले पर कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सरकारी बेसिक स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतार कर जाने का अनुचित आदेश भी चर्चा में है। इस मामले में भी राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस ने की अंकुश लगाने की मांग
कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को भारतीय तहजीब पर हमला बताया है। पार्टी के मीडिया विभाग के पवन खेड़ा ने कहा है कि यह आदेश के पीछे बीजेपी और आरएसएस की मंशा है हिंदू और मुसलमान की पहचान करना है। उन्होंने कहा कि ये भी सकता है कि जाति के बारे में पता करना हो, यह पता करने की मंशा भी हो कि दलित कौन है? उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर अंकुश लगाने की बात कही। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को भेदभावपूर्ण करार दिया है।