मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अचानक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट करने के लिए राजभवन पहुंचे। जिसके बाद से यूपी राजनीति में योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं।
उनका यह कार्यक्रम पहले से निर्धारित नहीं था। बताया जा रहा है कि सीएम योगी ने राज्यपाल से इस संबंध में बातचीत की है। हालांकि इस मुलाकात को प्रस्तावित राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के उत्तर प्रदेश दौरे को लेकर भी देखा जा रहा है।
योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल को चल रहा अटकलों का सिलसिला अब थमने का वक्त आ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की बुधवार को मुलाकात ने इस संभावना को और बल दे दिया है। इससे पहले 19 अगस्त को सीएम योगी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी।
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सीएम योगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि उस दौरान मंत्रिमंडल में विस्तार के साथ विधान परिषद सदस्य के लिए भी चार नामों पर सहमति बनी थी।
उत्तर प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। मानक के अनुसार साठ मंत्री बनाए जा सकते हैं, इसलिए सात और मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। अब विधानसभा चुनाव में कुछ माह ही बचे हैं। सरकार और संगठन, दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं।
इसी सोच के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार-विमर्श शुरू हुआ है। इसके साथ ही चार एमएलसी मनोनीत किए जाने हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही एमएलसी मनोनयन की प्रक्रिया भी इतने दिन से रुकी है। चर्चा यही है कि नए एमएलसी में से भी एक-दो को मंत्री बनाया जा सकता है, इसलिए हर तरह से समीकरण पर विचार किया जा रहा है।