लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस साल कमजोर रहे मॉनसून का खरीफ फसलों पर बुरा असर पड़ा है। समय पर बारिश नहीं होने की वजह से धान समते अन्य फसलों की बुवाई में देरी हुई है। जहां बुवाई हो भी गई, वहां बारिश नहीं होने की वजह से फसल पूरी तरह सूखने लगी है। खेतों में दरारे दिख रही हैं। किसान (Farmers) बर्बाद होने की कगार पर आ चुके हैं। इन सब स्थितियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया है।
सूखे की स्थिति को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने आज (बुधवार), 7 सितंबर को प्रदेश में सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण का आदेश दिया है। इसके लिए 75 जिलों में 75 टीमें बनाने का निर्देश दिया गया है। एक हफ्ते के अंदर सभी डीएम को सर्वेक्षण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी होगी। किसी भी तरह की लापरवाही होने पर इसके जिम्मेदार जिलाधिकारी होंगे।
नहीं लिए जाएंगे ट्यूबवेल के बिल
सरकार के मुताबिक, 62 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। इन जिलों में लगान स्थगित रहेंगे। ट्यूबवेल के बिलों की वसूली भी नहीं की जाएगी। किसी का भी ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। जल्द से जल्द दलहन-तिलहन और सब्जी के बीज किसानों (Farmers) को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
नहरों में होगी पानी की पर्याप्त व्यवस्था
सिंचाई विभाग सिंचाई के लिए नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। बिजली विभाग को भी बिजली की आपूर्ति बढ़ाने का आदेश दिया है, ताकि प्रभावित किसानों के सामने सिंचाई को लेकर कोई समस्या न आए।
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बता दें कि किसानों की स्थिति को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन मोड में हैं। 06 सितंबर यानी मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा खेत में खड़ी फसल, तैयार उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए अगले पांच सालों तक 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये की धनराशि खर्च करने का फैसला लिया है।