लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ”सेफ सिटी” के रूप में विकसित किया जाए। दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे नगरों के प्रवेश द्वार पर ”सेफ सिटी” का बोर्ड लगा विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए। इस तरह, यूपी सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा। उन्होंने प्रथम चरण का काम तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया है।
मंगलवार को गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने सेफ सिटी परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना का अवलोकन करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की दिशा में यह उपयोगी सिद्ध हो रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। इसे बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग जनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए।
फ्री में नहीं, लेकिन यूपी में मिल सकेगी सस्ती बिजली
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। व्यापारियों के सहयोग से अधिकाधिक सीसीटीवी लगवाएं। सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने की एसओपी तैयार करें। प्रत्येक माह जिला स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुज़ुर्गों व दिव्यांगजन के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित कर उनकी समस्याएं सुनें और उचित समाधान करें। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजन की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें।
दिव्यांगजनों का रखें ध्यान
योगी (CM Yogi) ने कहा कि मेट्रो की तर्ज पर दिव्यांगजनों के लिए साइनेज आदि पर ब्रेल लिपि में सूचनाएं लिखने और अन्य सुविधाओं के प्रबंध किए जाएं। विक्षिप्त व्यक्तियों अथवा भिक्षाटन कर रहे लोगों के व्यवस्थित पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग और नगर विकास विभाग मिलकर काम करें। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें आवश्यक सहयोग करें।
रूट किया जाए तय
उन्होंने (CM Yogi) कहा कि टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो आदि के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन हो। शहरों में ई-रिक्शा के लिए रूट तय करें। उनमें अधिक सवारी कतई न बैठे। किरायेदारों के बारे में संबंधित थाने को पूरी जानकारी हो। सेफ सिटी पोर्टल विकसित कर सभी विभागों को जोड़ा जाए। होर्डिंग स्टैंड, यूनिपोल आदि को ”स्मार्ट सिटी” की तर्ज पर व्यवस्थित किया जाए। प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर सभी नगरों में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं।