वन महोत्सव के दौरान चार जुलाई को योगी सरकार पौधरोपण का नया रिकॉर्ड बनाया। आज 25 करोड़ पौध लगाये। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल झांसी में तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे पौधरोपण की शुरुआत की। इसके अलावा जिले के प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारी भी अपने अपने प्रभार वाले जिलों में पौधरोपण करने के साथ लगाए गए पौधों की निगरानी करेगें।
वन महोत्सव के दौरान उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल झांसी (सिमरधा डैम) पर स्मृति वाटिका की स्थापना किया। इसके तहत वह वहां पर बहुपयोगी पौधों पोषक तत्वों और ओषधीय गुणों से भरपूर पौधे लगाए। इनकी कुल संख्या करीब पांच हजार है। स्मृति वाटिका झांसी से करीब 8 किमी दूर झांसी-ग्वालियर मार्ग पर पहुज नदी के किनारे बने सिमरधा बंधे के पहुच मार्ग पर है। इसके एक ओर पहुज नदी का विशाल जल भराव वाला क्षेत्र है तो दूसरी हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद की विशाल प्रतिमा. इसके नाते यहां का दृश्य बेहद खूबसूरत है। स्मृति वाटिका इसे और मनोरम बनाएगी।
मुख्यमंत्री की मंशा पौधरोपण को जनआंदोलन बनाने की है। इसी बाबत इच्छुक लोगों को उनके कृषि जलवायु की अनुकूलता के अनुसार उनकी पसंद की प्रजातियों के पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं। हर जिले के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए हैं। अब तक लोग 17 करोड़ से अधिक पौधे ले जा चुके हैं। लोग अधिक से अधिक पौधे लगाएं इसके लिए सरकार ने पौधे लगाओ,इनाम पाओ के नाम से एक प्रतियोगिता भी शुरू की है। इसके तहत पौध लगाने की फोटो वनविभाग के वेबसाइट पर लोड करनी होगी। पौधरोपण वाली खास प्रविष्टियों को सरकार पुरस्कृत भी करेगी।
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योगी सरकार के कार्यकाल में वन महोत्सव के दौरान अब तक अलग अलग प्रजातियों के 60,24,46,551 पौधे लगाए जा चुके हैं। पर्यावरण दिवस और ऐसे ही अन्य अवसरों पर लगने वाले पौधों की संख्या इसके अतरिक्त है। इस तरह इस साल मिशन 30 करोड़ के इन पौधों की संख्या को जोड़ दें तो यह संख्या सौ करोड़ के करीब होगी।
पौधरोपण अभियान को सौ फीसद सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। वन विभाग इसकी नोडल एजेंसी है। 26 अन्य विभाग इसमें सहयोग कर रहे हैं। इन विभगों को कुल 19.20 करोड़ पौध रोपड़ का लक्ष्य दिया गया है। बाकी 10.80 करोड़ पौधे वन विभाग लगाएगा। कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार हर जिले में लोगों की मांग के अनुसार समय से पौधे उपलब्ध हों, इसके लिए वन विभाग की 1813 पौधशालाओं में 42.17 करोड़ पौध तैयार किए जा चुके हैं। इसके अलावा रेशम और उद्यान विभाग भी अपनी नर्सरियों में पौध तैयार किए हैं। सरकारी विभागों, विभिन्न अदालतों के परिसर, किसानों, संस्थाओं, व्यक्तियों, निजी और सरकारी स्कूलों, केंद्र सरकार के उपक्रमों, स्थानीय निकायों, रेलवे, रक्षा, औद्योगिक इकाइयों, सहकारी समितियों को पहले की तरह वन विभाग निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराएगा। पारदर्शिता के लिए जो विभाग पौधे लगाएगा वह उस जगह की जिओ टैंगिग भी कराएगा।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण हुआ है। रिकॉर्ड पौधरोपण के कारण पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश में वनावरण और वृक्षावरण दोनों में वृद्धि हुई है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की स्टेट फारेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2017 की तुलना में वनावरण में 127 किलोमीटर की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश का वृक्षावरण राष्ट्रीय औसत 2.89 फीसद की तुलना में 3.05 फीसद है।
वाटिका में लगने वाले सामान्य प्रजाति के पौधे
आंवला, हरड़, ढाक, कदम्ब, बरगद, गूलर, जामुन, इमली, बेल, नीम, अर्जुन,कैथा, मौलश्री, सहजन और बहेड़ा,अश्वगंधा, सतावर, सर्पगंधा, पीपली, दुद्धि, गिलोय, तुलसी,ग्वारपाठा, सफेद मूसली और बालमखीरा आदि के पौधे शामिल हैं।