एंबुलेस हड़ताल मामले में सीएम योगी ने सख्त एक्शन लिया है। हड़ताल के लिए बरगलाने पर 11 कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया गया है।
कंपनी ने पुलिस से आरोपी पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। लखनऊ के आशियाना थाने में जीवीके ने शिकायत दर्ज कराई है। वहीं एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे का कहना है कि उन पर हड़ताल वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कंपनी पर फर्जी केस बनाने का भी आरोप लगाया है।
बता दें कि यूपी में GVKEMRI सरकारी एंबुलेंस का संचालन करती है। एंबुलेंस सेवा के लिए पिछले दिनों एक टेंडर निकाला गया था। ये टेंडर किसी दूसरी कंपनी को मिल गया था। शिकायत में ये भी कहा गया है कि LS कर्मचारियों ने नई कंपनी की प्लानिंग मामलों को स्पष्ट करने की मांग की थी। जिसके बाद कर्मचारियों ने जाम लगा दिया। इसकी वजह से दो मरीजों की मौत हो गई थी।
11 कर्मचारी हड़ताल के लिए जिम्मेदार
इस हड़ताल के लिए कंपनी ने 11 पदाधिकारियों को जिम्मेदार माना है। कंपनी ने इन्हें पद से बर्खास्त भी कर दिया है। एंबुलेंस सेवा में बाधा डालने का आरोप एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हनुमान पांडे, सुशील पांडे, अभिषक मिश्रा, बृजेश मिश्रा, शरद यादव, सलिल अवस्थी, सुनील सचान, मधुर मिश्रा, राघवेंद्र तिवारी, रितेश शुक्ला और दिनेश कौशिश पर लगाया है। कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन मामले में सभी के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है।
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योगी सरकार ने हड़ताल के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। इसके साथ ही सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। एस्मा लगाने के बाद सरकारी सेवाओं में हड़ताल नहीं की जा सकती। अगर कोई भी नियम को तोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है। हड़ताल से मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने ये अहम कदम उठाया है।