योगी सरकार ने लीजबैक घोटाले में सख्त एक्शन लिया है। इसमें नोएडा अथॉरिटी के सचिव को सीएम योगी ने बर्खास्त कर दिया है। दरअसल, प्राधिकरण में तैनाती के दौरान तत्कालीन सचिव हरीश चंद्रा पर लीजबैक घोटाला करने का आरोप लगा था। आरोपों की जांच की गई और सत्यता पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को इस कार्रवाई का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि हरीश चंद्रा ने नोएडा विकास प्राधिकरण में बतौर सचिव तैनाती के दौरान अथॉरिटी की अर्जित और कब्जा प्राप्त भूमि को नियमों के खिलाफ जाकर लीजबैक कर दिया था। नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी की ओर से जांच रिपोर्ट तैयार की गई थी।
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यूपी में सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले से सख्त है। योगी सरकार में 2 हजार से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया जा चुका है, जिन अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने एक्शन लिया उनमें 200 से ज्यादा आईएएस, आईपीएस और पीसीएस कैडर के अधिकारी भी शामिल हैं।
इतना ही नहीं सरकारी डॉक्टर, इंजीनियर और पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी संख्या में कार्रवाई हुई है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अबतक 17 आईपीएस और 07 आईएएस अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। इनमें ज़िले के डीएम, एसएसपी, डीआईजी, आईजी स्तर के बड़े अफसर शामिल हैं।