लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपल यादव (Ram Gopal Yadav) पर निशाना साधा है। उन्होंने (CM Yogi) कहा कि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर रामगोपल यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है।
उन्होंने आगे लिखा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी।
सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 15, 2025
रामगोपाल यादव के बयान को लेकर विवाद बढ़ा
रामगोपाल यादव ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान महिला सैन्य अधिकारी व्योमिका सिंह की जाति का उल्लेख करते हुए उन्हें हरियाणा की जाटव बताया था और इसके बाद जातिसूचक शब्द कहा था। इस टिप्पणी को सेना के शौर्य और गरिमा का अपमान माना जा रहा है।
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इस टिप्पणी को सेना के शौर्य और गरिमा का अपमान माना जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि यह सोच तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है, जो देश की एकता को तोड़ने की कोशिश है।
बयानबाजी से सेना का अपमान किया गया
जनता इस विकृत मानसिकता का जवाब चुनावों में देगी, ऐसा विश्वास कई लोगों ने जताया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी रामगोपाल यादव के बयान की व्यापक आलोचना हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी से न केवल सेना का अपमान होता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है।