उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग एमएसएमई के दायरे में शामिल करने के केन्द्र सरकार के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री ने ट्विीट किया“ एमएसएमई को अर्थव्यवस्था का विकास इंजन कहा जाता है। ऐसे में खुदरा व थोक व्यवसाय को एमएसएमई में शामिल किए जाने से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। इससे व्यापारियों को बड़ा फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री का यह निर्णय सबका साथ, सबका विकास के नारे को भी चरित्रार्थ करता है।”
देश के एमएसएमई मंत्री, नितिन गडकरी ने शुक्रवार को खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत शामिल करने का ऐलान किया है। इससे छोटे व्यापारियों को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र को ऋण मिलने में आसानी होगी। खासकर उत्तर प्रदेश के लाखों खुदरा एवं थोक व्यापारियों को इससे खुदरा और थोक व्यापार को शामिल करने के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लाखों खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा। केन्द्र सरकार के संशोधित दिशा निर्देशों के तहत खुदरा और थोक व्यवसायों को आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक प्राथमिकता के तहत ऋण प्राप्त करने में लाभ मिलेगा।
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उन्होने यह जानकारी ट्विटर पर दी कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान खुदरा और थोक व्यापारियों के व्यवसाय पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। इसी वजह से खुदरा व थोक व्यवसाय को एमएसएमई के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। इस सेक्टर को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत लाकर ऐसे व्यापारियों को आर्थिक सहायता देने का प्रयास किया जा रहा है। इस फैसले के बाद खुदरा और थोक व्यापारी भी अपने उद्यमों को एमएसएमई में पंजीकृत करा सकेंगे। इस निर्णय से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को योजना का लाभ मिलेगा।
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्विटर पर पोस्ट किया था कि केन्द्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसान वित्त विभिन्न अन्य लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस योजना के जरिए व्यापारी आसानी से आरबीआई की गाइडलाइन के तहत ऋण हासिल कर सकेगा।