उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को आत्मनिर्भर बन कर अपने परिवार को चलाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से वर्चुअल माध्यम से बातचीत करेंगे।
श्री योगी इस मौके पर 40 हजार स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड से 15 हजार रुपए प्रति समूह व 2606 समूहों को कम्युनिटी इन्वेंस्टमेंट फंड से 1.10 लाख रुपए प्रति समूह जो कुल 88.86 करोड़ रुपए जारी करेंगे। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों के साथ संवाद भी करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली शाम चार बजे किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि उत्तर सरकार स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर महिलाओं के आत्मनिर्भर बनाने सपना साकार कर रही है। सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए प्रदेश 10 लाख स्वयं सहायता समूह से जुड़कर एक करोड़ से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योगी सरकार की पहल कामयाब साबित हुई है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बहुत अहम रोल अदा कर रही है।
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मिशन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए करीब 10 लाख स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं। हर समूह में 10 से 12 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम के दौरान 40 हजार स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड जारी करेंगे जबकि इससे पहले मुख्यमंत्री 97663 स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड जारी कर चुके हैं। शुक्रवार को होने वाले कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन व आपूर्ति के सापेक्ष फतेहपुर व उन्नाव की महिलाओं को एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा प्रति ईकाई 45.60 लाख रुपए चेक द्वारा प्रदान करेंगे।
सूत्रों ने दावा किया कि बुंदेलखंड में 8 हजार समूह की महिलाएं बालिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी बनाकर 21 हजार लीटर दुग्ध का संग्रह कर रही हैं वहीं, 15 लाख से अधिक महिलाओं को खेती व पशुपालन का प्रशिक्षण हासिल कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुई है। कोरोना काल के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने 1.23 करोड़ मास्क व 50 हजार से अधिक पीपीटी किटों का निर्माण किया। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई। मिशन के अनुसार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं मास्क, परिषदीय विद्यालय के बच्चों के यूनिफार्म, पीपीटी किट, आंगनबाड़ी समेत अन्य सरकार की योजनाओं से जुड़ कर आत्मनिर्भर बनी हैं।