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थोड़ी देर में CM योगी जारी करेंगे नई जनसंख्या नीति, जानिए किसको मिलेगा फायदा

विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) पर योगी सरकार उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है। इसमें जनसंख्या बढ़ोतरी नियंत्रित करने के लिए समुदाय आधारित अभियान और कार्यक्रम चलाए जाने की योजना।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। कुछ समुदायों में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता के प्रयास की जरूरत है। आइए जानते हैं कि योगी सरकार का बढ़ती आबादी को रोकने के लिए क्या प्लान है…

आखिरी बार 2000 में आई थी जनसंख्या नीति यूपी में आखिरी बार जनसंख्या नीति साल 2000 में आई थी, जो 2016 तक के लक्ष्यों के आधार पर तय की गई थी। अब नई जनसंख्या नीति लाई जा जा रही है, जो 2030 तक प्रभावी रहेगी। योगी सरकार भी चाहती है कि नई नीति में सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाए रखने के पर केंद्रित प्रयासों पर जोर दिया जाए। जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। स्कूलों में ‘हेल्थ क्लब’ बनाए जाएं।

साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत योजनाओं से लाभान्वित होने वाले नवजातों, किशोरों और बुजर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था भी करें। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के जरिए मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए। जन्म दर 2% से नीचे लाने का लक्ष्य प्रस्तावित जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार यूपी की जन्म दर अभी 2.7% है, जो राष्ट्रीय औसत से 2.2% से अधिक है। इसे 2030 तक 1.9% तक लाने का लक्ष्य है। इसके लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों की पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने पर जोर रहेगा। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से बाल मृत्यु दर और और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। इससे नियोजन को बढ़ावा मिल सकेगा।

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खास बात यह है कि नई नीति में किशोरों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। अभी तक एनीमिया और कुपोषण अभियानों में किशोरी स्वास्थ्य पर ही अधिक ध्यान रहता है। इसके अलावा बुजुर्गों के देखभाल व बेहतर सुविधाओं पर भी जोर रहेगा। जनसंख्या नियंत्रण कानून की ओर कदम! सूत्रों के अनुसार जनसंख्या की वृद्धि दर संतुलित करने के लिए कानूनी उपायों का विकल्प भी तलाशा जा रहा है। राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा तैयार कर रहा है। इसमें सरकारी योजनाओं, नौकरियों व अन्य सुविधाओं को भी जनसंख्या से लिंक करने की तैयारी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से जनसंख्या को नियंत्रित करना आवश्यक है। ऐसे में नई जनसंख्या नीति में इस दिशा में बढ़ाए जाने वाले कदमों की झलक मिल सकती है। यूपी की अभी इतनी आबादी अनुमान है कि अभी यूपी की आबादी तकरीबन 23 करोड़ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की कुल जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 थी। जो कि भारत की कुल आबादी का 16.5 फीसदी थी। वहीं यूपी का प्रयागराज 59 लाख 54 हजार 391 की आबादी के साथ प्रदेश में पहले नंबर पर था। दूसरी ओर 8 लाख 75 हजार 958 की जनसंख्या के साथ महोबा प्रदेश का सबसे कम आबादी वाला जिला था।

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