गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर के नवनिर्मित अन्न क्षेत्र (भवन) में पूरे विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया।
उन्होंने मां भगवती के नौ स्वरूप के प्रतीक रूप में नौ कन्याओं और एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पहले पूजा-अर्चना कर उन्हें चुनरी ओढ़ाई और उसके बाद अपने हाथों से भोजन कराकर दक्षिणा के साथ उनकी विदाई की। इस दौरान मंदिर में पहुंची अन्य कन्याओं को भी उसी श्रद्धाभाव से भोजन कराया गया और विदाई की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की आराधना हमारे देश की संस्कृति है। इसीलिए नवरात्र के नवें दिन कन्या पूजन का विधान है।
कन्या पूजन का समय दोपहर 12 बजे निर्धारित था। मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले आमंत्रित कन्याएं पूजन स्थल पर पहुंच गईं। सबसे पहले उन्होंने बारी-बारी से थार में नौ कन्याओं और एक बटुक भैरव को खड़ा कर उनका पांव पखारा। उसके बाद टीका लगाकर चुनरी ओढ़ाई और आरती उतारी। पूजा के बाद कन्या भोज का कार्यक्रम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री एक-एक सभी कन्याओं के पास गए और उनकी थाली में अपने हाथों से भोजन परोसा और बाकायदा पूछ-पूछ कर खिलाया। इस दौरान वह बच्चों को दुलराते भी रहे। भोजन के बाद मुख्यमंत्री ने सभी कन्याओं की अपने हाथ से दक्षिणा देकर सम्मान के साथ विदा किया। मुख्यमंत्री से पूजाकर बच्चे प्रसन्न नजर आए। कुछ ने तो प्रतिक्रिया भी दी। बोले, योगी बाबा बहुत अच्छे हैं।
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नवरात्र और विजयादशमी की परंपरागत पूजा के लिए मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे मां भगवती के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आराधना की। मंदिर के शक्तिपीठ में दो घंटे से अधिक समय तक चले अनुष्ठान को प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी और उनकी पुरोहित टीम ने सम्पन्न कराया। टीम में डा. अरविंद चतुर्वेदी, डा. रोहित मिश्र, नित्यानंद चौबे, पुरुषोत्तम चौबे आदि शामिल रहे। दुर्गा सप्तशती के पाठ और आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ पूजा सम्पन्न हुई।