उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के प्राइवेट आईटीआई संस्थानों में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में अनियमितता, भ्रष्टाचार और गबन के मामले में मथुरा के जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा सम्बंधित संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
साथ ही संबंधित आईटीआई कॉलेजों को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस कार्रवाई की जानकारी बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके दी है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने जनपद मथुरा के निजी आईटीआई संस्थानों में अनियमितता, गबन और भ्रष्टाचार के प्रकरण में जिला समाज कल्याण अधिकारी, मथुरा को निलंबित करने तथा सभी दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं संस्थाओं के विरुद्ध FIR दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।@spgoyal @sanjaychapps1 pic.twitter.com/BfeQHwBBnc
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 23, 2020
मथुरा जिले के 4 दर्जन से अधिक निजी आईटीआई कॉलेजों में हुए इस गड़बड़झाले के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जांच कराई गई थी। जांच समिति ने अलग-अलग तरीकों से छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर करीब 23 करोड़ रुपये गबन होने की बात पाई है। यही नहीं, दर्जन भर अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत की पुष्टि भी हुई है। अब सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप सभी दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों व संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
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मान्यताविहीन संस्थाओं में दाखिला लेने वाले छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित करने के लिए स्टेट काउंसिल फ़ॉर वोकेशनल ट्रेनिंग, लखनऊ की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, अब इनके खिलाफ भी जांच होगी।
तीन सदस्यीय जांच समिति ने पाया कि 11 मान्यताविहीन शिक्षण संस्थानों में करीब 253.29 लाख का गबन हुआ। जबकि 23 कॉलेजों में 5000 से अधिक छात्रों ने कोर्स ही पूरा नहीं किया और उन्हें करीब 969 लाख की छात्रवृत्ति मिल गई। कई निजी आईटीआई कॉलेजों में स्वीकृत सीट के सापेक्ष करीब पांच हजार दाखिले अतिरिक्त कर लिए गए। इन्हें भी छात्रवृत्ति दिलाई गई। वहीं, 38 कॉलेजों में 100 से अधिक समान नाम, पिता का नाम और समान जन्म तिथि वाले फर्जी छात्रों को भी शुल्क प्रतिपूर्ति कराई गई। यही नहीं फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर भी छात्रों के दाखिले करने और उन्हें छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति कराने का काम भी हुआ। सीएम योगी ने अब सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए हैं।