मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल जिन कमेटियों में वह बतौर आर्थिक सलाकार शामिल थे, उनमें किसी अर्थशास्त्री को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी ने सत्ता में आने के बाद फरवरी, 2018 में आर्थिक सलाहकार के रूप में राजू की तैनाती की थी। राजू कई राज्यों व योजना आयोग के साथ काम कर चुके थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में पूर्वांचल व बुंदेलखंड विकास बोर्ड के गठन से लेकर जिलेवार जीएसडीपी के आंकड़े तैयार कराने तक की पहल में उल्लेखनीय भूमिक निभाई।
देश की अर्थव्यवस्था 50 खरब डालर बनाने के लक्ष्य में यूपी की हिस्सेदारी 10 खरब डालर की हो, इससे संबंधित कार्ययोजना उनकी सलाह पर ही आगे बढ़ रही थी। सितंबर, 2019 में आईआईएम लखनऊ के साथ मंत्रियों व अफसरों की कार्यशाला जैसे अभिनव पहल में उनकी अहम भूमिका सामने आई थी।
बताया जा रहा है कि 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था के लिए कंसल्टेंट चयन की कार्यवाही में जिस तरह कार्यवाही चल रही थी, उससे वह खिन्न थे। करीब डेढ़ वर्ष का समय लगने के बावजूद प्रशासनिक विभाग कंसल्टेंट चयन की कार्रवाई तक नहीं कर पाया था।
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दूसरा, विधानसभा चुनाव से पहले वह यहां की जिम्मेदारी से मुक्त होकर किसी एकेडमिक प्रोजेक्ट में जाने के प्रयास में काफी दिनों से जुटे थे। पिछले दिनों एक रिसर्च प्रोजेक्ट प्राप्त होते ही वह मुख्यमंत्री के सलाहकार पद से इस्तीफा देकर चले गए। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजू 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ाने से संबंधित समिति में शामिल थे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने उनके स्थान पर संबंधित समितियों में किसी अर्थशास्त्री को नामित करने का आदेश दे दिया है।