योगी सरकार ने शनिवार को राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी शासन की ओर से अनुमन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति के नियमों के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद कर सकते हैं।
इस आदेश के बाद राज्य कर्मचारियों को इससे बड़ी सहूलियत होगी। सरकार ने समस्त सरकारी और निजी कंपनियों को अपने कार्यालय में कार्यरत बीमार, दिव्यांग और महिला कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दिए जाने के निर्देश दिये हैं।
सरकारी कार्यालयों के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान की कठिन परिस्थितियों में बीमारी की रोकथाम के लिये 50 प्रतिशत कार्मिक क्षमता से ही काम लिया जाए। सरकार की ओर से यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर आंशिक कर्फ्यू लगाया गया है।
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इस दौरान लोगों का कम से कम मूवमेंट हो इस पर सरकार का पूरा जोर है। लोग अधिक से अधिक घरों में रहें और बीमारी की चपेट में न आएं इसके लिये उन्होंने सरकारी और निजी संस्थाओं से अपने यहां कार्यरत बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को कार्यालय न बुलाकर घर पर ही ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दिये जाने के निर्देश दिये हैं।
कर्मचारियों के लिये दिये गये इस महत्वपूर्ण निर्णय से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। सड़क पर लोगों का आवागमन कम होगा। कार्यालयों में भीड़ नहीं होगी। इन प्रयासों से कोविड के संक्रमण से अधिक लोगों में फैलना कम होगा। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेड आवंटन में पारदर्शिता रखने के साथ ही हर दिन सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को खाली बेड की स्थिति सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद मरीजों को खासी सहूलियत मिली है।
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बता दें कि एल-1 श्रेणी में 01 लाख 16 हजार बेड हैं और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऑक्सीजन की हर दिन बेहतर होती आपूर्ति के चलते यह कार्य अगले सात से 10 दिनों में पूरा होने के आसार हैं। सचिव स्तर के एक अधिकारी को केवल बेड बढ़ोतरी के काम पर ही तैनात किया गया है।