उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बलरामपुर में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के सेटेलाइट सेंटर अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सा परिसर के तहत 300 बेड वाले अस्पताल का शिलान्यास किया।
उन्होने कहा कि बलरामपुर की आम जनता की भावनाओं के अनुरूप किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से इस चिकित्सालय के जुड़ जाने से चिकित्सा सुविधा के साथ ही साथ चिकित्सा शिक्षा भी मिल सकेगी, क्योंकि किंग जॉर्ज विश्वविद्यालय देश का सबसे बड़ा चिकित्सा विश्वविद्यालय है, जहां 4000 बेड की क्षमता है तथा यह विश्वविद्यालय लगभग 115 वर्ष पुराना है।
जनपद बलरामपुर में 300 शैय्यायुक्त चिकित्सालय के निर्माण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी… https://t.co/BSsvgvBPCB
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 16, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सालय के सेटेलाइट सेंटर से जुड़ जाने से यहां पर कभी भी फैकल्टी की कमी नहीं होगी और यहां की आम जनता को चिकित्सा सुविधा अनवरत मिलती रहेगी। इस चिकित्सालय के निर्माण से बलरामपुर के लोगों की आवश्यकता पूरी हुई है। उन्होने कहा कि आजादी के बाद इस क्षेत्र का जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। यहां तीन वर्ष पूर्व सड़कें भी ठीक नहीं थी तथा अपराध चरम पर था। इस समय यहां की आम जनता को सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और लोकतंत्र की शक्ति का आगाज हुआ है।
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उन्होंने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की कर्म भूमि तथा भारत रत्न नानाजी देशमुख की साधना स्थली बलरामपुर का जिक्र करते हुए कहा कि इस जिले के इन दोनों महापुरुषों को भारत रत्न का सम्मान मिला। उन्होंने बलरामपुर के महाराजा के रचनात्मक कार्यों का भी उल्लेख किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती और संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, तब तक सभी लोग पूरी सावधानी बरतें तथा दो गज की दूरी और मास्क जरूरी के नियम का पूरी तरह पालन करें।
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उन्होने कहा कि लखनऊ में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम से चिकित्सा विश्वविद्यालय बनेगा, जिससे प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज संबद्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार द्वारा उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। प्रदेश में जहां पहले 12 मेडीकल कॉलेज थे1 अब 3 वर्षों में 29 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। प्रदेश में 2 एम्स भी बनाए जा रहे हैं, जिसमें एक गोरखपुर में तथा एक रायबरेली में बन रहा है। उन्होंने कहा कि देवीपाटन मंडल के जिलों में जहां मेडिकल कॉलेज नहीं थे वहीं अब गत वर्ष से बहराइच के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा शुरू हो गई है। गोंडा में चिकित्सा महाविद्यालय खोला जा रहा है तथा बलरामपुर के इस मेडिकल कॉलेज को लेकर अब देवीपाटन मंडल में तीन- तीन मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के नौजवानों को नौकरी देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। अब तक तीन लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी गई है और प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर प्रकार की बाधाओं को दूर करते हुए नौकरी दी जाए।
यह चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज मार्च 2022 तक पूर्ण हो जाएगा।