मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अलग अलग ज़िलों में ज़मीन घोटाले मामले में बड़ी कार्यवाई की गई है। जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों को तहसीलदार के पद पर डिमोट कर दिया गया है। नियुक्ति विभाग की तरफ से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। जिन उपजिलाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है वे प्रयागराज, श्रावस्ती और मुरादाबाद में तैनात थे।
कार्यवाई की जद में आये एसडीएम प्रयागराज रामजीत मिर्जापुर में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान जमीन संबंधी एक मामले में नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से लाभ पहुंचाया था। आरोप ये है कि मिर्जापुर में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक कंपनी को तय सीमा से अधिक भूमि खरीदने के लिए नियम विरूद्ध आदेश पारित कर दिया था।
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इसी तरह एसडीएम श्रावस्ती जेपी चौहान ने पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने का फ़ैसला दे दिया था। तीसरे अफसर मुरादाबाद के एसडीएम है। एसडीएम मुरादाबाद अजय कुमार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर कार्रवाई की थी और एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरूद्ध पत्र लिखा।
शासन से पहले अजय कुमार की दो वेतन वृद्धि रोकने की संस्तुति की थी. वहीं इसी के साथ राज्य लोक सेवा आयोग ने दो अधिकारियों को पदावनत करने संबंधी सरकार के प्रस्ताव पर सहमति दी थी। हांलाकि फिलहाल तीनों को जांच में दोषी पाये जाने पर डिमोशन की कार्यवाई की गयी है, जिसके जरिये सरकार अधिकारियों को बड़ा संदेश भी देना चाहती थी।