इंडियन रेलवे के स्टॉक में पड़े कोच अब प्राईवेट कंपनियां खरीद लेंगी। रेलवे की ओर से जारी बयान के अनुसार कोचिंग स्टॉक और बेयर शेल्स को किराये पर देने की योजना बनाई है। बेयर शेल्स वो कोच होते हैं जो किसी न किसी वजह से उपयोग में नहीं हैं।
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आमतौर पर कम उपयोग होने की क्षमता को देखते हुए रेलवे बेयर शेल्स कोच को कबाड़ में बेच देती है। कई ऐसे भी कोच होते हैं जो सही तो हैं लेकिन स्टॉक में पड़े हैं क्योंकि ज्यादा काम होने की वजह से रेलवे इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। अब ऐसे कोचेज का इस्तेमाल हो सकेगा।
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ऑफीसियल बयान के अनुसा इच्छुक पार्टियां रेलवे कोचों की एकमुश्त खरीद कर सकेगी। एकमुश्त खरीद के लिए कोई लीज फीस नहीं होगी। इच्छुक पार्टियों को कोचों में मामूली सुधार की अनुमति है। वहीं, लीज की सबसे कम अवधि 5 साल प्रस्तावित की गई है।