नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीप रे को दोषी ठहराया है। दिलीप रे 1999 में झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाले मामले में दोषी ठहराया गया । विशेष न्यायाधीश भारत पारसकर ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री (कोयला) रहे रे को आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों को लेकर दोषी ठहराया है।
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अदालत ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया है।
Delhi's Rouse Avenue Court convicts former Union Minister Dilip Ray in a coal scam case pertaining to alleged irregularities in the allocation of a Jharkhand coal block in 1999.
— ANI (@ANI) October 6, 2020
सजा के संबंध में 14 अक्टूबर को अदालत दलीलें सुनेगी। यह मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ‘ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक’ के आवंटन से जुड़ा है।