नई दिल्ली। कोरोना के वैक्सिनेशन का ड्राई रन देश के कई राज्यों में शुरु हो चुका है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले महीने से वैक्सीन लगने का राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरु हो जाएगा। कोरोना वैक्सीन के एक डोज में करीब 3.6 एमएल वैक्सीन होती है। इसका मतलब यह हुआ कि एक लीटर में 278 वैक्सीन के डोज रखे जा सकते हैं। नेशनल कोल्ड चेन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के मुताबिक, इस वक्त देश में 28,932 कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं।
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इसी तरह आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर की संख्या 44226 है। इन्हीं में वैक्सीन रखी जानी है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 3257 कोल्ड चेन प्वाइंट्स और 4408 आईएलआर हैं। एक बूथ पर रोज 100 लोगों को वैक्सीन लगेगी और हर वैक्सीनेशन टीम में 5 लोग होंगे। वैक्सीन लगाने के क्रम में पूरी तरह वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जैसी चुनाव में होती है। वहीं कोल्ड चेन के प्रबंधन के जरिए पूरा प्रयास किया जाएगा कि वैक्सीन का स्टोरेज ठीक से और सही तापमान पर हो।
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हर जिले के हर ब्लॉक में टास्क फोर्स बनेगी, जिसके चेयरपर्सन एसडीएम होंगे। वहीं, राजस्थान में 2405, तमिलनाडु में 2599, उत्तर प्रदेश में 1308, मध्य प्रदेश में 1214, कर्नाटक में 1870, दिल्ली में 629 और गुजरात में 2291 कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं। वहीं, कोल्ड चेन स्पेस के आईएलआर में अगर 100 लीटर की क्षमता है तो कुल 27,800 डोज रखे जा सकते हैं। वहीं इससे 25,045 लोगों को फायदा होगा, क्योंकि अनुमान है कि इस पूरी प्रक्रिया में करीब 10 फीसद वैक्सीन खराब हो जाएगी।
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साथ ही वैक्सीन के भंडारण के बारे में भी बताया गया है। वैक्सीन ऑपरेशन गाइडलाइंस के मुताबिक, केंद्र सरकार के 19 मंत्रालय, राज्यों/जिलों के 23 विभाग और कई सहयोगी इस योजना में शामिल रहेंगे। स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद फिर 50 साल से कम उम्र वालों का नंबर आएगा। वहीं, किन्हें वैक्सीन लगानी है, इसकी सूची बनाने के लिए हाल में हुए लोकसभा या विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची की मदद ली जाएगी।