मेरठ। जनपद के दौराला में बसपा पूर्व विधायक के कोल्ड स्टोर (Cold Store Accident) में कंप्रेसर फटने के बाद लिंटर से हुई मजदूरों की मौत के मामले में शनिवार को कार्रवाई हुई। बताया गया कि शीतगृह कारखाना विभाग में पंजीकरण के बिना ही चल रहा था। विभाग की ओर से इसकी रिपोर्ट दी गई है।
वहीं पूर्व विधायक चौधरी चंद्रवीर की ओर से उनके बेटे विवेक ने शनिवार शाम को मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये व घायलों को 25-25 की सहायता राशि चेक के रूप मे प्रदान की है।
डीएम दीपक मीणा ने इस मामले में पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पांच सदस्यीय कमेटी में एडीएम प्रशासन, एसपी क्राइम, पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता, मुख्य अग्निशमन अधिकारी और श्रम उपायुक्त शामिल हैं।
कारखाना प्रभार के तहत शीतगृह खतरनाक श्रेणी में आता है। श्रम उपायुक्त रविंद्र कुमार ने निरीक्षण के लिए सहायक निदेशक कारखाना विवेक सारस्वत को भेजा। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन दस्तावेजों की जांच में सामने आया है कि शीतगृह का कारखाना प्रभार में पंजीकरण नहीं कराया गया था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिस कारखाने में 20 कर्मचारियों से अधिक होते हैं, उन्हें पंजीकरण कराना होता है। यहां कर्मचारियों की संख्या 27 से अधिक सामने आई है, ऐसे में पंजीकरण होना चाहिए था।
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सूत्रों के अनुसार, शीतगृह में रिसीवर टैंक से दी जाने वाली अमोनिया गैस की सप्लाई के समय गड़बड़ी हुई है। परिणामस्वरूप पहले पाइपलाइन और रिसीवर टैंक में धमाका होने से हादसा हुआ। अनुभवहीन कर्मचारियों के कारण भी हादसे की संभावना है। हालांकि संभावित कारणों की जांच अभी की जा रही है।