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आइये जानें क्यों जरूरी है प्रकृति का संरक्षण

प्रकृति का संरक्षण

प्रकृति का संरक्षण

लाइफस्टाइल डेस्क। जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। जंगल हैं तो वन्य जीव हैं। जल है तो जलीय जीवों का अस्तित्व है और उससे भी ज्यादा अहम हमारे जीवन का अस्तित्व है। दुनिया में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहां जल, जंगल और जमीन पर्याप्त मात्रा में हों। हमारा देश नदियों, जंगल और वन्य जीवों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्रकृति बची रहेगी, तभी जीवन बचेगा। इसी के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व

इस दिवस के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा को लेकर दुनियाभर के लोगों के बीच जागरूकता पैदा की जाती है। एक स्वस्थ माहौल ही स्थिर और उत्पादक समाज की बुनियाद होता है और विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस भी ऐसे ही विचारों पर आधारित है। इस दिवस की महत्ता इसलिए भी है कि प्रकृति संरक्षण के जरिए ही मौजूदा और आनेवाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित और कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य प्रकृति के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाना है। प्रकृति में असंतुलन होने के कारण ही हमें आपदाओं का सामना करना पड़ता है। ग्लोबल वॉर्मिंग, महामारियां, प्राकृतिक आपदा, तापमान का अनियंत्रित तौर पर बढ़ता जाना आदि समस्याएं प्रकृति में असंतुलन के कारण ही पैदा होती हैं। देश पहले से ही कोरोना महामारी से जूझ रहा है और कई राज्य बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा झेल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार कई भूकंप भी आ चुका है और आगे भी आने की संभावना जताई गई है। हम छोटे-छोटे प्रयासों से प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं।

प्रकृति संरक्षण के लिए भारत डिस्कवरी डॉट ऑर्ग ने कुछ जरूरी प्रयासों की ओर ध्यान दिलाया है:

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