राष्ट्रीय डेस्क. कॉमेडियन कुणाल कामरा और विवादों का पुराना नाता है. एक बार फिर से कुणाल अपनी एक और ट्वीट की वजह से विवादों से घिर गये हैं और उनपर केस करने की बात चल रही हैं. हाल ही में कुणाल कामरा ने एक ट्वीट किया था जिसमे उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के बारे में उंगली के जरिए अश्लील और अपमानजनक इशारा किया था. इस ट्वीट की वजह से एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कुणाल पर फिर से अवमानना का केस चलाने की आज्ञा दी है.
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इससे पहले कामरा ने टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी को जमानत मिलने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, उन्होंने आत्महत्या के एक मामले में टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट पर ट्वीट कर हमला बोला था और अर्णब को जमानत देने का विरोध किया था. इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई है. लॉ के दो छात्रों और दो वकीलों ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर अवमानना का केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे वेणुगोपाल ने दी दी थी.
अपने खिलाफ अवमानना का केस चलाने की इजाजत देने पर भी कामरा ने ट्वीट किया था और कहा था कि वो न तो ट्वीट हटाएंगे और न ही इसके लिए माफी मांगेंगे. पिछले शुक्रवार (13 नवंबर) को कामरा ने ट्वीट कर लिखा था, “मैं अपने ट्वीट को वापस लेने या उसके लिए माफी माँगने का इरादा नहीं रखता. मेरा मानना है कि वे अपनों के लिए बोलते हैं.” उन्होंने ये भी लिखा, “कोई वकील नहीं, कोई माफी नहीं, कोई जुर्माना नहीं, समय की बर्बादी नहीं.”
कुणाल कामरा ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जजों और अटॉर्नी जनरल के नाम ट्विटर पर एक खुला खत लिखकर अपने गुस्से का इजहार किया था. कामरा ने चिट्ठी में लिखा था कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आठ लोगों को आपराधिक अवमानना की याचिका दायर करने की इजाजत देकर सारी हदें पार कर दी हैं.
एक वकील जिसने अटॉर्नी जनरल से कामरा के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करने की अनुमति मांगी थी, को जवाब लिखते हुए वेणुगोपाल ने लिखा है, “अब समय आ गया है, जब लोग अन्यायपूर्ण तरीके से सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने और उस पर हमला करने का न सिर्फ मतलब समझें बेल्कि जो ऐसा कर रहे हैं, वो सजा भी भुगतें.”