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सीएम धामी की सुरक्षा में तैनात कमांडो ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत (Commando  Pramod Rawat)  ने गुरुवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या (Suicide) कर ली है। कमांडो का नाम प्रमोद रावत है। बताया जा रहा है कि छुट्टी न मिलने की वजह से वो मानसिक तनाव में था, जिसके बाद कमांडो ने घातक कदम उठाया है। हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है कि मौत का असली कारण क्या है? देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि घर पर भागवत कथा के लिए प्रमोद रावत  ने 16 जून से छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन किया हुआ था।

AK-47 से खुद को मारी गोली

मौजूदा समय में कमांडो सीएम आवास पर तैनात था। सीएम आवास के अंदर बने बैरक में प्रमोद ने AK-47 राइफल से खुद को गोली मारी। घटना दोपहर लगभग 12ः30 बजे की है। गोली कमांडो प्रमोद रावत के गर्दन के नीचे हिस्से में लगी है। 2007 बैच के  मूल रूप से पौड़ी जिले के रहने वाला है और फिलहाल देहरादून के विजय कॉलोनी में रह रहा था। साल 2016 से  मुख्यमंत्री आवास में ड्यूटी पर तैनात था। घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कमांडो की मौत की पुष्टि की है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

एक्सीडेंटल डेथ एंगल पर भी जांच जारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक टीम से जुड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। इस पूरे मामले पर जानकारी साझा करते हुए एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि मौत के कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही लग पाएगा। हालांकि, एडीजी अभिनव कुमार (ADG Abhinav Kumar) ने ये आशंका भी जताई है कि ये आत्महत्या के अलावा एक्सीडेंटल डेथ (Accidental Death)का मामला भी हो सकता है। यानी कमांडो ने आत्महत्या की है या फिर गलती से गोली लगी है, इसकी जांच जारी है।

सीएम आवास पर पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो का मुख्यमंत्री आवास पर ही खुद को गोली मारना बेहद ही गंभीर मामला है। हैरानी की बात ये भी है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री आवास में एक 25 साल की लड़की ने आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। 10 नवंबर 2022 के दिन मुख्यमंत्री आवास पर एक लड़की ने सर्वेंट क्वार्टर में आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। दरअसल, रुद्रप्रयाग की रहने वाली युवती अपने परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास में ही रहती थी। उस वक्त यह भी बताया जा रहा था कि लड़की पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रही थी और किसी कारण डिप्रेशन में उसने यह कदम उठाया था।

मुख्यमंत्री आवास पर 7 महीने के अंदर दो आत्महत्याओं होना यह बताता है कि ड्यूटी में तैनात कर्मचारी हों या अन्य लोग, समय-समय पर उनकी काउंसिलिंग होना बहुत जरूरी है। दरअसल, वीआईपी ड्यूटी में तैनात कोई भी कर्मचारी बाहर की दुनिया से थोड़ा सा कटा हुआ रहता है, ऐसे में काउंसिलिंग से उनकी समस्याओं के बारे में जाना जा सकता है।

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