राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत उन्नति के लिए शिक्षा ही सबसे प्रभावी माध्यम है।
श्री कोविंद ने गुरूवार को यहां डॉ भीमराव आम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत उन्नति के लिए शिक्षा ही सबसे प्रभावी माध्यम है।
सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से प्रेरणा प्राप्त करते हुए आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का हमारा लक्ष्य तभी सिद्ध होगा जब सभी छात्र और शिक्षक पूरी निष्ठा के साथ कार्य करें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुये कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जो कदम उठाये जा रहे है, वह सराहनीय हैं।
उन्होने कहा “ अपनी यात्रा के दौरान मुझे यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे प्रयासों को करीब से जानने का मौका मिला। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप यहां बेहतर काम किया जा रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार ने अलख जगाई है। उसकी जितनी भी सराहाना की जाए वह कम है। ”
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राष्ट्रपति ने कहा “ सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास का शिलान्यास करके मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा सावित्रीबाई फुले ने 175 वर्ष पहले बेटियों की शिक्षा के लिए जो क्रांतिकारी कदम उठाए। वह आज भी प्रासांगिक है। खासकर तत्कालीन समाज में महिलाओं की स्थिति के विषय में अध्ययन करने पर पता चलता है कि आज हमारी बेटियां समाज और देश का गौरव पूरे विश्व में बढ़ा रही हैं।”
उन्होने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में देश की बेटियों के प्रदर्शन से संपूर्ण देश में गर्व की भावना का संचार हुआ है। प्रत्येक क्षेत्र में हमारी बेटियों ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही है। समान अवसर मिलने पर हमारी बेटियां बेटों से भी आगे निकल जाती हैं। दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले होनहारों में बेटियों की संख्या बेटो से अधिक है।
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विजेताओं में भी बेटियों की संख्या अधिक है इस परिवर्तन को एक स्वस्थ समाज और उन्नत राज्य राष्ट्र की दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। यही बाबा साहब का मूल सपना था जो सच होता दिखाई दे रहा है।
श्री कोविंद ने कहा कि यह पहला विवि है जहां वह दूसरी बार वह दीक्षांत समारोह में शामिल हुये हैं। इससे पहले वह दिसम्बर 2017 में दीक्षांत समारोह में शामिल होने यहां आये थे। यह विवि बाबा साहब के विचारों के अनुरूप समावेशी समाज की परिकल्पना को साकार कर रहा है। विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अलग से पदक प्रदान करना सराहनीय समावेशी संस्कृति को मजबूत बनायेगी।
उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय ने समतामूलक समाज के विचारों को सार्थक बनाने में अहम योगदान दिया है। विवि का प्रयास है कि शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किये जा रहे है। यूपी की पिछली यात्रा में उन्हे भीमराव अंबेडकर स्मारक के शिलान्यास करने का अवसर मिला था।