पटना| कॉमर्स छात्रों को सेकेंड्री टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट में शामिल नहीं किए जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब-तलब किया है। न्यायमूर्ति पार्थ सारथी एकलपीठ ने मो. अफरोज व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की।
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कोर्ट को बताया गया कि 25 सितंबर 2019 को शिक्षा विभाग के उप सचिव ने एक रिपोर्ट जारी कर जिलावार शिक्षकों के रिक्त पदों के बारे में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। यह रिपोर्ट सूबे के जिला शिक्षा पदाधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में करीब एक हज़ार से अधिक उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में कॉमर्स शिक्षकों के पद रिक्त रहने की जानकारी दी गई है।
कोर्ट को बताया गया कि कॉमर्स शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों में कॉमर्स की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। जबकि एसटीईटी परीक्षा के विज्ञापन में कॉमर्स विषय के लिए कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया गया है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एसटीईटी परीक्षा चल रही है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवार मेरिट के अनुसार स्वीकृत पदों पर नियुक्त होंगे।
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कॉमर्स के लिए विज्ञापन प्रकाशित नहीं की गई है। इसलिए इस परीक्षा से कॉमर्स के लिए अभ्यार्थियों की नियुक्ति होना संभव नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में शिक्षा विभाग सहित बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।