लंदन. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी भारत आने से बचने के लिए रोज नए हथकंडे अपना रहा है। ब्रिटेन की एक अदालत में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान नीरव के वकीलों ने भारत की जेलों की खराब स्थिति का हवाला दिया। वकीलों ने कहा कि ऐसे में नीरव डिप्रेशन में आकर सुसाइड की स्थिति में भी जा सकते हैं। इस वजह से प्रत्यर्पण नहीं होना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम लंदन में वेंटवर्थ जेल में बंद नीरव वर्चुअली सुनवाई में शामिल हुआ। नीरव के वकीलों ने फरवरी में मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से प्रत्यर्पण के आदेश देने और अप्रैल में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल द्वारा इसे मंजूरी दिए के खिलाफ याचिका लगाई है।
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जस्टिस मार्टिन चेंबरलेन के सामने नई याचिका पर सुनवाई के दौरान नीरव के वकीलों ने बताया कि डॉक्टरों की कमी और भीड़ अधिक होने के कारण कैदियों को जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल ले जाने में देरी होती है। मोदी ने मुंबई की आर्थर रोड जेल में बदहाल स्थिति की जानकारी दी। उनके वकील ने बताया कि आर्थर रोड जेल में डॉक्टर के साथ प्राइवेट कंसल्टेशन की कभी अनुमति नहीं दी गई। उनका कहना था कि मोदी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और दबाव बढ़ने से वह मानसिक तौर पर बीमार हो सकते हैं।
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नीरव के वकीलों ने मनोचिकित्सक डॉ. एंड्रयू फॉरेस्टर की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसे वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। फॉरेस्टर ने 27 अगस्त 2020 की रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल तो नहीं लेकिन नीरव में आगे आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने का खतरा है। वकीलों ने भारत में कोरोना के हालात का जिक्र करते हुए यहां की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था की भी दलील दी। कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है।