इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बांसी सिद्धार्थ नगर के अनमोल सिंह की हत्या, षडयंत्र एवं गिरोहबंद अधिनियम के आरोप मे दर्ज आपराधिक मामले में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
न्यायमूर्ति समित गोपाल ने यह आदेश दिया । याची को कोतवाली बांसी में हत्या, षडयंत्र एवं अन्य आरोपों मे दर्ज प्राथमिकी के तहत गिरफ्तार किया गया था। याची का कहना था कि विपुल सिंह की गोली लगने से मौत हुई है। सह अभियुक्त प्रशान्त सिंह उर्फ नीरज के तमंचे की गोली से मौत हुई थी। इस मामले में चार आरोपियों में से दो की पहले ही जमानत हो चुकी है।
Corona New Strain : श्रीगंगानगर में यूके स्ट्रेन के तीन संक्रमित मिले
याची का हत्या में कोई हाथ नहीं है। उसके खिलाफ इससे पहले दो आपराधिक मामले दर्ज है। उनमें से एक में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। जिस पर आपत्ति न्यायालय मे विचाराधीन है। दूसरे केस मे उसे जमानत मिल चुकी है और केवल एक केस के आधार पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। जो विधि सम्मत नही है।
न्यायालय ने जमानत मंजूर कर ली है और कहा है कि याची साक्ष्य से छेडछाड नहीं करेगा। पीडित पर दबाव नहीं डालेगा। न्यायालय मे हाजिर होगा तथा सुनवाई मे अवरोध न उत्पन्न करने का लिखित आश्वासन देगा।