नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में 3 कृषि कानून लाए गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है। बरसों से जो हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, उसको बाहर लाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने एक ईमानदारी से प्रयास किया भी है।
किसानों को देशद्रोही कहने वाला देश भक्त नहीं हो सकता : प्रियंका
पीएम ने कहा कि मैं देख रहा था कि कांग्रेस के साथी इस कानून के रंग पर तो बहुत चर्चा कर रहे थे, अच्छा होता कि उसके कंटेट और इंटेट पर चर्चा करते, ताकि देश के किसानों तक सही चीजें पहुंचतीं है। पीएम ने कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ, ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।
कौन लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे?
पीएम ने कहा कि कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए. लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे?
दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है।