कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक और बेहद करीबी मंत्री ने साथ छोड़ा। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल कराएंगे। फिलहाल जितिन प्रसाद अभी-अभी गृह मंत्री अमित शाह के घर पहुंच गए हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े ब्राहम्ण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे। वह कांग्रेस में तवज्जो न मिलने और यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। जितिन प्रसाद की शिकायक को पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज किया। यही वजह है कि उन्होंने आज बीजेपी का दामन थाम रहे हैं।
बीजेपी ने जितिन पर क्यों लगाया दांव
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी अपने सभी सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है। अंदरखाने खबर है कि बीजेपी से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका नाराज है। यह नाराजगी खासतौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है। ऐसे में बीजेपी, जितिन प्रसाद को शामिल कराकर ब्राह्मणों के बीच बड़ा संदेश देना चाहती है।
कौन हैं जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं. जितेंद्र प्रसाद दो प्रधानमंत्रियों (राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव) के राजनीतिक सलाहकार रह चुके थे। 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। 2001 में जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया।
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इसके बाद पिता जितेंद्र प्रसाद की राजनीतिक विरासत को जितिन प्रसाद ने संभाला। 2001 में वह इंडियन यूथ कांग्रेस से जुड़ गए। 2004 में जितिन प्रसाद शाहजहांपुर सीट से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। यूपीए-1 की सरकार में जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। वह मंत्री बनने वाले सबसे युवा चेहरों में से एक थे।
2009 में जितिन प्रसाद, धौरहरा लोकसभा सीट से लड़े और जीते। यूपीए-2 में जितिन प्रसाद को पेट्रोलियम और सड़क-परिवहन जैसे अहम मंत्रालय की बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी मिली थी। 2014 का चुनाव जितिन प्रसाद हार गए। इसके बाद से ही जितिन प्रसाद के राजनीतिक सितारे गर्दिश में चले गए।
यूपी कांग्रेस में नहीं मिल रहा था तवज्जो
जब से यूपी कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ में है और यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू बनाए गए हैं, तब से जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रहा था। कई बार खुले मंच पर वह अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। यूपी कांग्रेस की कई समितियों में जितिन प्रसाद को रखा भी नहीं गया है।
2019 में जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने की खबर थी। बाद में जितिन ने खुद कह दिया था कि वह काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं देंगे। इसके बाद जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी बना दिया था। यानी उनको यूपी की सियासत से दूर कर दिया गया था। इससे जितिन प्रसाद नाराज चल रहे थे।