Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

योगी सरकार की चौथी साल गिरह पर कांग्रेस का तंज,चार साल में चौपट हुआ यूपी

अजय कुमार लल्लू Ajay Kumar Lallu

अजय कुमार लल्लू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार की चौथी सालगिरह पर शुक्रवार को तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में प्रदेश विशेषकर किसानों की हालत बदहाल हो चुकी है।

श्री लल्लू ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में प्रतिदिन 28 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जिसके अनुसार 2019 से अब तक 5464 किसानों ने यहां आत्महत्या की है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष में प्रत्येक किसान की आय में 17 प्रतिशत की कमी आई है। प्रत्येक किसान पर एक लाख रूपये का कर्ज बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक 8447 करोड़ रूपये गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर भुगतान बकाया है जो देश में सर्वाधिक है। 2016-17 के मुकाबले जबसे योगी सरकार सत्ता में आयी है गन्ना मूल्य का न्यूनतम समर्थन मूल्य न के बराबर बढ़ी है। फसल बीमा में प्रदेश में बीमित किसानों में प्राकृतिक आपदा और अन्य दुश्वारियां होने के बावजूद सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया कि 10 प्रतिशत किसानों को भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है।

गौरैया दिवस : जनता ने ली शपथ, हम सब मिलकर बचाएंगे

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो गयी है। भाजपा ने अपने लोकसंकल्प पत्र में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था लेकिन चार वर्ष के बाद सरकार 4 लाख रोजगार देने का झूठा वादा कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है लाखों युवा प्रति वर्ष बेरोजगार हो रहे हैं। रोजगार उपलब्ध कराने वाला एमएसएमई सेक्टर बदहाली के हालात में है। हजारों एमएसएमई बन्द हो चुके हैं। सरकार एमएसएमई सेक्टर को प्रत्यक्ष सब्सिडी देने के बजाए पहले से ही कर्ज में डूबे होने के बावजूद कर्ज का लालीपाप दे रही है।

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में पांच लाख से अधिक पद रिक्त हैं। प्रदेश में हर रोज 3 बेरोजगार आत्महत्या करने को विवश हैं। प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार बदतर होता जा रहा है। अभिभावक प्राइवेट संस्थानों में मंहगी शिक्षा के लिए विवश हैं। सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी लगातार बनी हुई है और शिक्षकों की भर्ती के तमाम उपाय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। कोरोना काल के चलते खराब अर्थव्यवस्था और आर्थिक दुश्वारियाें का आलम यह है कि लगभग 65 प्रतिशत से अधिक लोग अपने बच्चों की फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं। वहीं तीन लाख साठ हजार से अधिक वित्तविहीन शिक्षक वेतन के अभाव में दाने-दाने को मोहताज हैं।

महिला अपराध में लखनऊ देश के तीसरे नम्बर पर और प्रदेश में पहले स्थान पर है। वहीं देश के टाप 30 शहरों में प्रदेश के पांच शहर शामिल हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा गढ़ने वाली तथा एण्टी रोमियो और मिशन शक्ति अभियान का ढोंग करने वाली भाजपा सरकार में लगातार महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं ने लगातार प्रदेश को शर्मसार किया है। चाहे वह उन्नाव, शाहजहांपुर, हाथरस, लखीमपुर, बदायूं, बलरामपुर, भदोही, बुलन्दशहर, आजमगढ़, कुशीनगर, कानपुर, गोरखपुर, लखनऊ सहित प्रदेश के लगभग सभी जिले महिलाओं की आह से पूरे चार वर्ष तक कराहते रहे। प्रदेश की महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते रहे। सरकार का रवैया दोषियों को सजा देने के बजाय उनको संरक्षण देने का रहा है।

उन्होंने कहा कि विधान परिषद में सरकार ने स्वीकार किया कि पिछले 2018-19 के मुकाबले जो प्रदेश की विकास दर 6.3 प्रतिशत थी वह अब घटकर मात्र 3.8 प्रतिशत हो गई है। लोकसभा में सरकार द्वारा दिये गये आंकड़े के अनुसार 68 हजार उद्योग बन्द हुए हैं जिसमें 10 प्रतिशत अकेले यूपी से हैं।

Exit mobile version