असम । केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अगर असम में भाजपा सत्ता में आती है, तो वह अवैध बांग्लादेशियों के भारत में प्रवेश को रोकने के लिए सीमाओं को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देगी। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से हम असम और पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने जा रहे हैं। इन राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश के साथ साझा होती हैं। अगर भाजपा यहां सत्ता में आती है तो हम भारत में बांग्लादेशियों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रमुख सीमा क्षेत्रों को ब्लॉक करेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ कभी गठबंधन नहीं किया, लेकिन अब कांग्रेस ने बदरूद्दीन अजमल नीत पार्टी के साथ केवल राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए हाथ मिलाया है। तीसरी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस विभाजन की राजनीति कर रही है, जबकि भाजपा मानवता की राजनीति में संलग्न है।
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सिंह ने कहा कि कांग्रेस को क्या हो गया है? तरूण गोगोई जब 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने एआईयूडीएफ के साथ कभी समझौता नहीं किया। लेकिन आज वे एआईयूडीएफ के साथ हैं। क्यों? क्या महज चुनाव जीतने के लिए और सत्ता हासिल करने के लिए? कांग्रेस ने राज्य में 126 सदस्यीय विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एआईयूडीएफ और छह अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है। उन्होंने विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह देश और राज्य को धर्म के नाम पर बांट रहा है। गोलाघाट जिले के डेरागांव विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म की राजनीति नहीं करती है।
हम इंसानों के लिए, मानवता की राजनीति करते हैं। बता दें कि असम में प्रथम चरण में 27 मार्च को चुनाव होने वाले हैं। सिंह ने कहा कि देश की सेवा की मंशा से गठबंधन बनाए जाने चाहिए न कि महज सरकार बनाने के लिए। सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद् के निवर्तमान विधायक भावेंद्र नाथ भराली के चुनाव प्रचार के लिए रैली का आयोजन किया गया था जो कांग्रेस उम्मीदवार बानी हजारिका के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।