लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में तटबंधों की निरन्तर पेट्रोलिंग करने के साथ-साथ ही बांधों में कटान की स्थिति पर सतत निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
राहत आयुक्त संजय गोयल ने सोमवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग करने के साथ-साथ ही बांधों में कटान की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाय। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शारणालयों में रह रहे किसी भी व्यक्ति में ज्वर, खांसी, सिरदर्द आदि के लक्षण प्रदर्शित होने पर उनको शेष शरणार्थियों से अलग रखा जाय तथा कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार टेस्टिंग, भर्ती, उपचार आदि की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विषैले सर्प कीटों का प्रकोप काफी संख्या में रहता है जिनके काटने से काफी जनहानि व पशुहानि होती है। उन्होंने बाढ़ राहत शरणालयों के आस-पास की झाड़ी की सफाई करने के साथ ही रात्रि में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिये हैं।
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श्री गोयल ने बताया कि प्रदेश में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एन0डी0आर0एफ0 की 15 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की सात टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 1046 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 85,156 खाद्यान्न किट व 2,02,883 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 267 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
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श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 331 बाढ़ शरणालय तथा 741 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 15 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 788 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 317 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,59,868 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2599 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जिला आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।