पाकिस्तान में श्रीलंका के एक युवक की मॉब लिंचिग का मामला सामने आया है। इस मामले में अब पाकिस्तान की ओर से लीपापोती भी शुरू हो गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने कहा कि श्रीलंका के युवक की मॉब लिंचिंग में हुई मौत को तहरीक-ए-लब्बैक से बैन हटाये जाने से लिंक न किया जाए। पाकिस्तान के सियालकोट में भीड़ ने एक श्रीलंका के युवक पीट पीटकर मार डाला था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ये बयान तो दिया ही, लेकिन वह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने आगे यहां तक कह डाला, मर्डर तब होते हैं, जब युवा भावुक हो जाते हैं। बच्चे जब जोश में आते हैं तो ऐसा हो जाता है। लड़के वहां इकट्ठे हुए इस्लाम का नारा लगाया और उन्होंने ऐसा कर डाला।
मैं भी दीन में आकर जोश में आकर ये काम कर सकता हूं। जब हम जवान होते थे तो पागल जो जाते थे। आप खुद मेरे से सवाल क्यों कर रहे हैं मीडिया को आकर ऐसे युवाओं को समझाना चाहिए। आप लोगों को दीन की बात करनी चाहिए। आप हर बात हुकुमत पर न डालिए।
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को उस युवक को वीरता मेडल देने का ऐलान किया है, जिसने श्रीलंका के युवक को बचाने की कोशिश की थी। श्रीलंका का यह युवक सियालकोट में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। इस युवक की पहचान मलिक अदनान के तौर पर हुई है। पाकिस्तान में भीड़ ने श्रीलंका के रहने वाले Priyantha Kumara Diyawadana को पत्थर, आयरन रॉड से इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
ये है पूरा मामला
पाकिस्तान के सियालकोट में श्रीलंका के प्रियंथा दियावड़ाना कुमारा एक कपड़े की फैक्ट्री में एक्सपोर्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे। उन पर पर फैक्ट्री के मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के नाम वाले पोस्टर फाड़ डाले थे।
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इसके बाद फैक्ट्री के मजदूरों ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद यहां भीड़ जमा हो गई और भड़काऊ नारेबाजी करने लगी। इसके बाद उन्हें बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद दंगाइयों ने उन्हें जला भी दिया। पूरा मामला शुक्रवार का है।