नई दिल्ली। पतंजलि की कोरोनिल पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों दावा किया गया कि कोरोनिल को विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्टिफिकेट मिल गया है, अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बारे में सीधा देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से जवाब मांगा गया है।
योगगुरु रामदेव ने बीते 19 फरवरी को दावा किया था कि भारत के आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल को सर्टिफिकेट दे दिया है, जो WHO की सर्टिफिकेशन स्कीम का हिस्सा है।
सोमवार को IMA द्वारा इसपर आपत्ति जाहिर की गई। IMA का कहना है कि WHO सर्टिफिकेट का दावा सरासर गलत है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को सफाई देनी चाहिए। बता दें कि हाल ही में WHO द्वारा भी बयान जारी किया गया था कि उन्होंने किसी देसी दवाई को मंजूरी नहीं दी है, जिसके बाद बवाल हुआ था।
Huawei FreeBuds 4i TWS इयरफोन से उठा पर्दा, टच कंट्रोल के साथ मिलेगी दमदार बैटरी
WHO के ट्वीट के बाद पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने भी सफाई दी थी। बालकृष्ण की ओर से कहा गया कि कोरोनिल को भारत सरकार के DCGI ने COPP सर्टिफिकेट दिया गया है। ऐसे में WHO का किसी दवाई को मंजूरी देने में कोई रोल नहीं है।
इसी विवाद को लेकर IMA की ओर से कहा गया कि देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में डॉ. हर्षवर्धन को ये बताना चाहिए कि उनका इस प्रकार की दवाई के रिलीज होने में क्यों मौजूदरी रही है। डॉ. हर्षवर्धन को इस मामले की विस्तृत जानकारी देश को देनी चाहिए।
बता दें कि जब योगगुरु रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने 19 फरवरी को कोरोनिल को फिर से लॉन्च किया था, उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे।