उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल समितियां प्राप्त होने वाले अंशदान की 60 प्रतिशत धनराशि से विकास कार्यों के साथ-साथ चीनी भण्डारण के लिए गोदामों का निर्माण भी करेंगी,जिससे जहां मिलों को चीनी भण्डारण की समस्या से निजात मिलेगी वहीं गोदामों के किराये से समितियों को अतिरिक्त आय हाेगी।
राज्य के गन्ना एवं चीन आयुक्त संजय. आर.भूसरेड्डी ने आज यहां बताया कि इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जारी शासनादेश के अनुसार चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति से प्राप्त होने वाले अंशदान का 40 प्रतिशत प्रबंधकीय व्यय में तथा शेष 60 प्रतिशत धनराशि का उपयो गगन्ना विकास के कार्यों, कृषकों को उत्तम गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, दवाइयाँ तथा कृषि यंत्र आदि उपलब्ध कराने कराने के साथ-साथ चीनी भण्डारण की समस्या के दृष्टिगत चीनी गोदाम निर्माण हेतु भी किया जायेगा।
तीन करोड़ की लागत से बनेगा मैनपुरी में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज
उन्होंने यह भी बताया कि इस धनराशि से सर्वप्रथम गन्ना विकास के कार्य तथा इसके उपरान्तचीनी भण्डार के लिए गोदामों का निर्माण किया जायेगा। सहकारी चीनी मिलों द्वारा गोदाम का किराया चीनी मिल समिति को प्रचलित बाजार दर पर दिया जायेगा। इस योजना के तहत प्रथम चरण में 05 सहकारी चीनी मिलों में चीनी गोदाम निर्माण प्रस्तावित हैं। चार सहकारी चीनी मिलों- गजरौला(अमरोहा), बेलरॉयॉ (लखीमपुर खीरी), तिलहर (शाहजहूँपुर) तथा ननौता (सहारनपुर) में एक-एक लाख कुन्तल क्षमता के तथा कायमगंज (फर्रुखाबाद ) में 50,000 कुन्तल क्षमता के गोदाम का निर्माण प्रस्तावित है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि इस व्यवस्था से चीनी मिलें एवं सहकारी गन्ना समितियाँ, दोनों ही पारस्परिक रूप से लाभान्वित होंगी। जहां एक ओर चीनी मिलों में भण्डारण से सम्बन्धित व्यय यथा परिवहन एवं मार्ग बीमा व्यय आदि की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर सहकारी चीनी मिल समितियों को इन गोदामों से किराये के रूप में नियमित आय का स्रोत सृजित होगा।