कोविड-19 (COVID-19) वायरस को खत्म करने और उसके जोखिम को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग, वैक्सीनेशन, इम्यूनिटी बढ़ाना, समय-समय पर हाथ धोते रहना, भीड़-भाड़ वाली जगह से बचना आदि प्रमुख हैं।
इसके अलावा एक्सपर्ट भी COVID-19 के डेल्टा वैरिएंट (Delta variant), ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) और उनके सबमवैरिएंट (Subvariant) के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करके महामारी से छुटकारा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में बताया है कि घरों में सजावट के लिए प्रयोग होने वाले एक पौधे से COVID-19 वायरस को रोका जा सकता है। यह पौधा COVID-19 वायरस के कारण शरीर में आने वाली सूजन को भी रोकने में प्रभावी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने आगे बताया कि कोरोना के सस्ते और सुरक्षित इलाज के लिए इस पर और जांच की जानी चाहिए।
क्या बताया गया है रिसर्च में
यह रिसर्च जर्नल एंटीऑक्सिडेंट्स में पब्लिश हुई है, जिसके मुताबिक गुलमेंहदी पौधे में पाए जाने वाला कार्नोसिक एसिड (Carnosic acid) कंपाउंड कोविड-19 स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर प्रोटीन ACE2 के बीच परस्पर क्रिया को रोक सकता है। कोविड-19 वायरस स्पाइक प्रोटीन का उपयोग कोशिकाओं को संक्रमित करने में करता है और ACE2 कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है।
प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक स्टुअर्ट लिप्टन (Stuart Lipton) ने कहा, हमें लगता है कि कार्नोसिक एसिड या कुछ कंपाउंड कोविड-19 और कुछ अन्य बीमारियों में सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी उपचार के रूप में काम कर सकता है, इसलिए इसकी आगे और भी जांच की जा सकती है। कार्नोसिक एसिड रोजमेरी या गुलमेंहदी (Rosemary or gulmehndi) के पौधे में पाया जाता है, जिसे औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसका उपयोग कई दवाइयां और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है।
लॉन्ग कोविड में भी है फायदेमंद
2016 में हुई एक स्टडी में लिप्टन और उनके वैज्ञानिकों ने बताया था कि गुलमेंहदी में पाया जाने वाला कार्नोसिक एसिड, सूजन को कम कर सकता है। साथ ही साथ इस रिसर्च में उन्हें कुछ ऐसे सबूत भी मिले जिसमें यह अल्जाइमर जैसे लक्षणों को भी कम करता है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन आ जाती है।
आगे की नई स्टडी के लिए लिप्टन और टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जापान के वैज्ञानिकों ने COVID-19 और अल्जाइमर में सूजन को बढ़ावा देने वाली इम्यून कोशिकाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया।
इस अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्रभाव कोविड -19 में देखी गई सूजन के खिलाफ फायदेमंद हो ही सकता है, इसके अलावा यह कुछ मामलों में COVID-19 के बाद दिखने वाले सिंड्रोम, जिसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है, उसमें भी मदद कर सकता है। साथ ही साथ यह ‘ब्रेन फॉग’ में भी मदद कर सकता है।
एंटीवायरल प्रभाव के कारण निष्क्रिय हो जाता है वायरस
रिसर्चर्स ने पाया कि कार्नोसिक एसिड की उच्च खुराक से कोविड-19 द्वारा कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता कम हो जाती है। कार्नोसिक एसिड में यह एंटीवायरल प्रभाव पाया जाता है, क्योंकि यह संक्रमण वाली जगह पर होने वाली सूजन के संपर्क में आते ही अपने एक्टिव रूप में आ जाता है। यह एसिड ACE2 रिसेप्टर को इतना मजबूत बना देता है, कि संक्रमण भी इस पर कोई प्रभाव नहीं डाल पाता।