नई दिल्ली| दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस प्लेसमेंट पर कोरोना महामारी और लॉकडाउन की जबरदस्त मार पड़ी है। पिछले साल जहां 1160 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ था, वहां इस वर्ष अभी तक सिर्फ 138 स्टूडेंट्स को ही प्लेसमेंट हुआ है। यूनिवर्सिटी के सेंट्रल प्लेसमेंट सेल इंचार्ज हिना सिंह ने कहा कि यह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों का असर है।
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हिना सिंह ने कहा, ‘प्लेसमेंट को लेकर हमने कई कंपनियों के साथ टाइअप किया हुआ था जो भारी मात्रा में भर्तियां करना चाह रही थीं। हमने 2500 से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए भर्तियां आयोजित करने की तैयारी की थी। लेकिन भर्ती करने की प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर टेस्ट की भी जरूरत होती है जो कि ऑनलाइन मोड से नहीं लिया जा सकता। फाइनल ईयर की परीक्षाओं और परिणामों में देरी की वजह से भी प्लेसमेंट को नुकसान पहुंचा है।’
आमतौर पर फाइनल ईयर की परीक्षाएं मई या जून माह में खत्म हो जाती हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते परीक्षाएं समय से नहीं हो सकीं। अभी भी कुछ स्टूडेंट्स की परीक्षाएं चल रही हैं। रिजल्ट अक्टूबर या नवंबर तक ही आ सकेगा।
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मिरांडा हाऊस में पढ़ाने वाली सिंह ने कहा, ‘हमें फिर से भर्ती आयोजित करने के प्रस्ताव मिल रहे हैं, ऐसे में यह फिर से आयोजित हो सकती है। ग्रेजुएशन पूरी करने जा रहे स्टूडेंट्स को एक और मौका मिलना चाहिए। हम देख रहे हैं कि क्या किया जा सकता है।’
मिरांडा हाऊस में इस वर्ष सबसे अधिक पैकेज सालाना 18 लाख रुपये का रहा है जबकि पिछले वर्ष यह 20 लाख रुपये का था। हालांकि औसत पैकेज 6 लाख से बढ़कर 7.33 लाख रुपये का रहा है।