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चीन के शिनजियांग में कोरोना महामारी का प्रकोप फिर शुरू

नई दिल्ली। चीन के सुदूर पश्चिमी हिस्से में कोविड-19 महामारी का प्रकोप फिर शुरू हो गया है और संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ कर 17 हो गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार  को बताया कि शिनजियांग क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 16 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले यह संख्या एक थी।

चीन में मार्च में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के बाद उरुमकी शहर में संक्रमण का नया दौर शुरू हो गया। इससे पहले बीजिंग में 330 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

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चीन की मीडिया के अनुसार उरुमकी शहर में अधिकारियों ने सबवे, बसों और टैक्सियों की संख्या घटा दी है साथ ही कुछ रिहायशी इलाकों को बंद कर दिया गया है। साथ ही लोगों के शहर छोड़ कर जाने पर पाबंदी लगाई गई है। गौरतलब है कि चीन पर मुस्लिम बहुल शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप हैं।

कोरोना वायरस कैसे मेजबान कोशिकाओं की प्रतिरक्षा को भेदता है इसका पता चला

दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि कैसे कोविड-19 बीमारी का कारक कोरोना वायरस संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन के संश्लेषण को रोक देता है, और प्रभावी तरीके से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के एक भाग को प्रभावी रूप से अक्षम बना देता है। इस खोज से इस खतरनाक बीमारी के उपचार के विकास में मदद मिल सकती है। ‘साइंस’ जर्नल में छपे इस अध्ययन में दिखाया गया है कि मेजबान कोशिकाओं पर नए कोरोनावायरस सार्स-सीओवी-2 द्वारा बनाए गए ‘ननस्ट्रक्चरल प्रोटीन1 (एनएसपी1) के विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।

जर्मनी में म्युनिख विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों के मुताबिक एनएसपी1 वायरस द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य हथियार है जो मेजबान मानव कोशिकाओं में अपनी संख्या बढ़ाने और अपना प्रसार सुनिश्चित करने के लिये उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि एनएसपी1 को 2002-03 में सार्स महामारी के प्रकोप के बाद बीमारी बढ़ाने वाले कारक के तौर पर पहचाना गया। सार्स के विषाणु का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दिखाया था कि यह संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन का संश्लेषण बाधित करता है।

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