नई दिल्ली। कोरोना संकट में सोने के कारोबार से जुड़ी कंपनियों और ज्वेलरों पर बड़ी मार पड़ी है। आमदनी घटने और सोने के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं ने एक तरफ सोने की खरीदारी से किनारा किया तो वहीं मोटा रिटर्न देखकर ई-गोल्ड को तरजीह दी। लेकिन अब त्योहारी सीजन को देखते हुए कारोबारियों को मांग में तेजी की उम्मीद है। ऐसे में भारत में पिछले हफ्ते तक सोने पर 30 डॉलर प्रति औंस तक मिलने वाली छूट घटकर 23 डॉलर रह गई है।
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बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह मांग में आने वाली तेजी का संकेत है। दिल्ली गोल्ड एंड बुलियन संघ के महासचिव योगश सिंगल का कहना है कि अगर दाम स्थिर रहे तो आने वाले हफ्तो में मांग में तेजी देखने को मिल सकती है। शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें 51,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रहीं। इस हफ्ते इसमें 0.5 प्रतिशत तेजी दर्ज की गई है। सिंघल का कहना है कि ज्वेलर्स कीमतों का रुख स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। वह अक्तूबर के पहले हफ्ते से त्योहारों के लिए स्टॉक तैयार करना शुरू कर सकते हैं।
भारत के मुकाबले चीन सोने पर ज्यादा छूट मिल रही है। वहां 44-48 डॉलर प्रति औंस की छूट मिल रही है। पिछले हफ्ते वहां 45 से 50 डॉलर प्रति औंस छूट मिल रही थी। चीन में इस साल फरवरी से ही सोने पर छूट मिल रही है। कोरोना वायरस के चलते मांग घटने से छूट बढ़ी है।
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योगेश सिंघल का कहना है कि खरीदार बाजार से दूर हैं। ऊंची कीमतें और कोरना इसकी एक बड़ी वजह है। उन्होंने कहा कि इन दिनों ज्यादातर खरीदी केवल निवेश के मकसद से हो रही है। सिंघल का कहना है कि इस साल के अंत तक तो ज्वेलरी बाजार के पटरी पर आने की उम्मीद नहीं लग रही है।