धर्मं डेस्क. छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है. इस साल छठ पूजा का त्यौहार 18 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा. कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के बहुत से राज्यों में सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में सभी की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं कि वो इस साल घर पर रह कर ही इस त्यौहार को मनाए.
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सबसे पहले घर की अच्छी तरह सफाई कर लें. जिस कमरे में व्रती को रहना है, उसे साफ करने के बाद गन्ना और केले के पत्तों से एक मंडप बना लें. इस मंडप को फूलों और दीयों से सजाएं. एक तांबे के बड़े कलश में जल भर लें और इसे फूलों से सजा लें.
मंडप के बीच में एक साफ चौकी स्थापित करें और इस पर नया पीले रंग का वस्त्र बिछा लें. अब चौकी पर तिल और चावल से सूर्यदेव और षष्ठी माता की आकृति बना लें. इन पर तीन सुपारी रख लें और इसके सामने सारी पूजा की सामग्री वहां एक साथ रख दें. अर्घ्य देने से पहले इनकी विधिवत पूजा करें.
घर पर एक स्थान सुनिश्चित कर लें जहां छठ पूजा का प्रसाद बनाना हो. प्रसाद बनाने का स्थान बिल्कुल साफ-सुथरा होना चाहिए. छठ पूजा का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी पर बनाया जाता है.
छठ का महापर्व चार दिनों तक चलता है. इन चार दिनों तक घर का माहौल सात्विक होना चाहिए. छठ की पूजा में गीतों का खास महत्व होता है. महिलाएं हर साल घर से घाट तक छठ के गीत गाती हुई जाती हैं. अगर आप इस साल घाट पर नहीं जा पा रहीं हैं तो घर में रह कर ही छठी मैया के गीत गाते रहें. इससे आपका घर पूरी तरह से भक्तिमय हो जाएगा.
छठ पर्व में सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व होता है. अगर आप घाट पर नहीं जा पा रहे हैं तो घर के किसी खुले हिस्से जैसे कि छत या बालकनी में किसी नए बड़े टब में पानी भरकर इसमें खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दे सकते हैं. सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की धार में सूर्य की किरणें दिखाई देनी चाहिए. सुबह का अर्घ्य देने के बाद घर के सदस्यों को छठी मां का प्रसाद बांटे.