दिल्ली : दिल्ली में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली के सभी श्मशान घाटों की ये हालत है कि चिताओं को जलाने के लिए तीन से चार घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। दिल्ली में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे है। दिल्ली के श्मशान घाटों की ये हालत है कि चिताओं को जलाने के लिए तीन से चार घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी सामान्य मौतों के शवों को जलाने में आ रही है। परिजन को घंटों बाहर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। श्मशान के साथ-साथ कब्रिस्तानों की हालत भी बहुत दयनीय है। कब्रिस्तानों में शवों को दफनाने के लिए जमीन तक नहीं बची है।
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पटेल नगर में रहने वाले एक परिवार ने नाम नहीं छापने के अनुरोध कहा कि कोविड प्रोटोकाल के चलते हॉस्पिटल के मुर्दाघर से शव को श्मशान घाट लाया जाता है। दादाजी को करीब 15 दिन पहले सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया था। कोविड के चलते वे दोबारा स्वस्थ नहीं हो सके। सोमवार को उनका निधन हो गया। अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल में रातभर प्रक्रिया की तब जाकर सुबह हम उन्हें पंजाबी बाग मुक्तिधाम लेकर आए। अंतिम संस्कार के लिए हमें यहां करीब तीन से चार घंटे का इंतजार करना पड़ा।
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पंजाबी बाग स्थित मुक्तिधाम के सेवादार कुलदीप सिंह चानना ने कहा, ‘शुरुआती दिनों में कोविड मरीजों के शव ज्यादा आते थे। अभी इनमें थोड़ी सी कमी आई है। हर दिन करीब 20 से 25 कोविड मरीजों के शव आते है। कोविड से हुई मौत के लिए स्पेशल 30 और सामान्य मौतों के लिए 30 प्लेटफार्म रखे गए है। इसके अलावा सीएनजी शवदाह गृह भी है।’