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यूपी में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर में हुआ इजाफा, बढ़कर हुई 88 फीसदी

corona curfew in up

उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर में लगातार इजाफा हो रहा है और अब यह 88 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है।

पिछली 17 अप्रैल को प्रदेश में लगभग 1.70 लाख एक्टिव केस थे जो 13 दिनों में बढ़कर 30 अप्रैल को सर्वाधिक 03 लाख 10 हजार तक पहुंच गए थे। उनमें आज 15 दिनों के बाद भारी कमी आई है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 1.77 लाख रह गई है। कोविड की लड़ाई जीतकर स्वस्थ होने वाले प्रदेशवासियों की संख्या 14,14,259 पहुंच गई है। इसके चलते प्रदेश में रिकवरी दर भी 87.9 प्रतिशत बढ़ी है।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में सभी सरकारी अस्पतालों में पोस्ट कोरोना मरीजों का इलाज मुफ्त करने का फैसला लिया गया है। श्री योगी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना बीमारी का इलाज हो रहा है उसी तर्ज पर पोस्ट कोरोना के मरीजों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके लिये आवश्यक निर्देश दिये। उनसे कहा कि कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिन लोगों को भी अन्य बीमारियां हो रही हैं। उनके लिये उचित इलाज की व्यवस्थाओं को सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित कराया जाए। रोगियों को समय से इलाज मिले और कोई उनको कोई असुविधा न रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। पोस्ट कोविड बीमारियों का मुफ़्त इलाज करने का फ़ैसला करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है।

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उधर प्रदेश में बीमारी को मात देकर स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ी है। अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्ट करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अभी तक प्रदेश में 4 करोड़ 44 लाख 27 हजार 447 लोगों के टेस्ट किये जा चुके हैं। सरकार की एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति ने तेजी से काम किया है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 02 लाख 56 हजार 755 टेस्ट किए गए हैं। इनमें 1,12,000 टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से हुए हैं। जबकि इसी अवधि में 12,547 नए कोविड केस सामने आए और 28,404 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में 1,48,858 लोग होम आईसोलेशन में हैं। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से उनके लिये चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। चिकित्सकों की संख्या, फोन लाइन की संख्या बढ़ाई जाए। मेडिकल किट वितरण व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए। जनपदीय आइसीसीसी और सीएम हेल्पलाइन से मरीजों से संवाद कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जांच कराई जाए।

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उन्होने कहा कि प्रदेश में अपनाई जा रही ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को ‘नीति आयोग’ ने सराहा है। आज सभी मेडिकल कॉलेजों में 24 घंटे से अधिक का ऑक्सीजन बैकअप हो गया है। यही नहीं, कल, ऑक्सीजन रिफिलर्स ने कुल 754 एमटी की मांग की थी, जिसके सापेक्ष उन्हें 820 एमटी ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। उन्होंने कहा है कि होम आइसोलेशन के किसी भी मरीज को ऑक्सीजन का अभाव नहीं होने दिया जाएगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कल 43 मीट्रिक टन ऑक्सीजन होम आइडोलेशन के मरीजों को दी गई। बीते 24 घंटों में 1010 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है।

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