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कोरोना ने छीन ली माउंट आबू पर्यटन की रौनक

माउंट आबू पर्यटन

माउंट आबू पर्यटन

लाइफ़स्टाइल डेस्क। राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंटआबू में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते कई बाजार चार महीनों से बंद पड़े हैं। गत 22 मार्च से देलवाड़ा, अचलगढ़, गुरुशिखर, अधरदेवी बाजार सहित कई बाजार आज भी बंद है। जिससे व्यवसाईयों को भारी आर्थिक नुकसान के साथ वे परिवार के पालनपोषण को लेकर कठिनाईयों का सामना करने से भविष्य की चिंता के छलकते दर्द से चिंतित हैं। हमेशा हर मौसम में आबाद रहने वाली पर्यटन नगरी के दर्शनीयस्थलों के बाजार सूने पड़े हैं।

वीरानगी का आलम ऐसा है कि हमेशा पर्यटकों की चहलकदमी से आबाद रहने वाल अधरदेवी, देलवाड़ा, अचलगढ़, गुरुशिखर, ओम शान्ति भवन समेत विभिन्न दर्शनीयस्थल, क्षेत्र के बाजार सूनसान पड़े हुये हैं। इस क्षेत्र के व्यवसायियों की मानें, तो गत चार महीनों की अवधि में उनके दुकानों के ताले नहीं खुले हैं। देलवाड़ा माकेर्ट कोषाध्यक्ष दलपत सिंह काबा के अनुसार अप्रैल, मई, जून एवं जुलाई माउंटआबू के लिए सर्वाधिक पर्यटकों की आवक का सीजन है।

दीवाली को छोडक़र इसी अवधि में पूरे साल पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को सर्वाधिक आय अर्जित करने का अवसर प्राप्त होता है। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दर्शनीयस्थल पूर्ण रूप से पिछले चार महीने से बंद होने से वहां के व्यवसाईयों का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है।देलवाड़ा माकेर्ट अध्यक्ष चिमन सिंह परमार ने बताया कि पिछले चार महीने से माकेर्ट के व्यवसाईयों के प्रतिष्ठानों के ताले नहीं खुले हैं जिससे उन्हें भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय माकेर्ट, अधरदेवी के अध्यक्ष नवीन डिसूजा का कहना है कि कोरोना संक्रमण संकट की वजह से चार महीनों से दुकाने बंद पड़ी है।अचलगढ़ निवासी किशन कुमार ईनाणी ने बताया कि चार महीने से पर्यटकों का आवागमन बंद होने से दिन में ही वन्य्रप्राणी पेंथर एवं भालू विचरण करने लगे है।

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