लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता जा रहा है। दुनियाभर में इसके संक्रमण के मामले दो करोड़ 27 लाख से ज्यादा हो चुके हैं जबकि अब तक सात लाख 95 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। ये तो आपको पता ही होगा कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की सांस से, उसके छूने से, छींकने और खांसने से फैलता है, लेकिन एक ताजा रिसर्च बताती है कि अब सार्वजनिक शौचालय से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। ऐसे में इसका उपयोग बहुत सोच-समझ कर और सावधानी के साथ करना होगा। आइए जानते हैं सार्वजनिक शौचालय से कोरोना के फैलने का खतरा किस तरह से है और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं।
फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित ताजा शोध के मुताबिक, सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करने के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक है। इसलिए इनका उपयोग करते समय (खासकर फ्लश करते समय) मास्क जरूर पहनकर रखें और फ्लश का बटन दबाने के बाद तुरंत शौचालय से बाहर निकल जाएं।
शोध के मुताबिक, अगर कोई संक्रमित व्यक्ति पहले शौचालय का इस्तेमाल कर चुका हो तो फ्लश करने के बाद भी उसमें वायरस के होने की आशंका बनी रहती है। शोध में बताया गया है कि फ्लश के साथ तेज पानी की धार से जो क्लाउड बनती है, वो छह सेकेंड में दो फीट तक ऊंची उठ सकती है और इसमें कोई दोराय नहीं है कि उस क्लाउड में वायरस के कण भी होते हैं। जांच में भी ऐसा पाया गया है। ऐसे में अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति शौचालय में जाता है तो फ्लश के दौरान बननेवाले ये क्लाउड्स उसे संक्रमित कर सकते हैं।
मल त्याग और पेशाब दोनों के माध्यम से कोरोना वायरस फैल सकता है। हालांकि मल त्याग के बाद फ्लश करने के मुकाबले पेशाब करने के बाद फ्लश करने पर उठनेवाले क्लाउड्स की रफ्तार अधिक होती है। ऐसे में सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते समय बेहद ही सावधानी बरतने की जरूरत है।