नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है। इसका ऐलान मुख्यमंत्री ई.के. पलानीस्वामी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। मुख्यमंत्री ई.के. पलानीस्वामी ने बताया कि छूट के मानदंडों के तहत अंतर-जिला यात्रा को बंद करने के लिए सेप्ट ई-पास प्रणाली में रविवार को कोई पूर्ण लॉकडाउन नहीं है। सभी पूजा स्थल और होटल, रिसॉर्ट और फिर से खोलने की अनुमति है।
Tamil Nadu lockdown extended till September 30, announces Chief Minister Edappadi K Palaniswami
Under relaxed norms, no complete lockdown on Sundays in Sept. E-pass system for inter-district travel to be discontinued. All places of worship and hotels, resorts& allowed to re-open pic.twitter.com/DMTC3yIaj6
— ANI (@ANI) August 30, 2020
रियायतों के तहत ई-पास व्यवस्था बंद करने और मंदिरों को खोलने तथा सार्वजनिक यातायात एवं चेन्नई मेट्रो ट्रेन सेवाओं का एक सितम्बर से संचालन की भी घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विशेष मेडिकल पैनल के साथ शनिवार को बैठक में मिले सुझावों के मुताबिक यह निर्णय लिया गया है।
राज्य में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर 85.45 प्रतिशत है जो देश में सर्वाधिक है, जबकि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत रह गई है जो कि अत्यंत कम है। एक दिन पहले 29 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला कलेक्टरों के साथ बैठक में पलानीस्वामी ने कहा था कि उनकी सरकार ने महामारी को फैलने से रोकने, मरीजों के उपचार और राहत कार्यों पर अब तक 7,162 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को ही अनलॉक-4 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इन दिशा-निर्देशों के तहत मेट्रो रेल को सात सितंबर से चरणबद्ध तरीके से संचालित करने की अनुमति दी जाएगी जबकि 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति होगी। स्कूल, कॉलेज, अन्य शैक्षणिक संस्थान 30 सितंबर तक बंद रहेंगे। हालांकि कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों के लिए कुछ छूट दी गई है।
गृह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश में कहा कि राज्य सरकारें केंद्र से परामर्श किए बगैर निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर कोई स्थानीय लॉकडाउन लागू नहीं करेंगी। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 50 प्रतिशत तक शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारियों को ऑनलाइन शिक्षण, टेली-काउंसलिंग से संबंधित कार्य के लिए स्कूलों में बुलाया जा सकता है।