नई दुनिया। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। वहीं कुछ देशों में टीकाकरण भी शुरू हो गया है। लेकिन इसी बीच ब्रिटेन सहित छह देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन (रूप) ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। 22 दिसंबर की रात तक आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच की जाएगी। कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों को भी एक हफ्ते तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
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नया स्वरूप आगे कमजोर होगा या घातक इसकी नहीं है कोई जानकारी
वायरस अपना स्वरूप बदलता रहता है। ऐसे में ज्यादातर वायरस जहां खुद ही खत्म हो जाते हैं वहीं कभी-कभी कुछ पहले से कई गुना खतरनाक हो जाते हैं। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक जब तक एक रूप को समझते हैं तब तक दूसरा सामने आ जाता है। ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को बी.1.1.7 नाम दिया गया है।
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वायरस ने पहले भी बदला है स्वरूप
कोरोना वायरस का जो स्ट्रेन चीन के वुहान में मिला था वह अब ज्यादातर देशों में नहीं है। ठीक इसी तरह यूरोप में फरवरी में डी614जी प्रकार का वायरस मिला था और अभी दुनियाभर में यही सबसे ज्यादा है। वायरस का ए222वी प्रकार उन लोगों में फैला था जो स्पेन में गर्मियों की छुट्टियां मनाकर लंदन वापस लौटे थे। दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक वायरस का नया स्वरूप मानव कोशिकाओं में ज्यादा तेजी से चिपकता है।