नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने की घोषणा कर दी है। संगठन के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस गेब्रेयेसस ने सभी देशों को चेतावनी देते हुये कहा कि वे कोरोना की तीसरी लहर के शुरुआती फेज में आ चुके हैं। अब सिर्फ वैक्सीन से महामारी को नहीं रोका जा सकता।
वहीं डबल्यूएचओ ने कहा कि भारत में भी इसका खतरा करीब दिखाई दे रहा है। एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने आगाह किया है कि डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों और वायरस के म्यूटेट होने से देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जल्द ही सच में बदल सकती है।
कोरोना के मामलों में बढ़त दर्ज
यूनाइटेड नेशंस की मीडिया विंग का कहना है कि दुनिया भर में लगातार चौथे हफ्ते कोरोना के मामलों में बढ़त दर्ज की गई है। 10 हफ्ते की गिरावट के बाद मौतें भी दोबारा बढ़ने लगी हैं।
WHO चीफ ने कहा कि वायरस लगातार खुद में बदलाव कर रहा है। इसके साथ ही यह ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेल्टा वैरिएंट अब WHO के सभी 6 रीजन और 111 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है। यह जल्द ही पूरी दुनिया में भी फैल सकता है। वायरस का अल्फा वैरिएंट 178 देशों में, बीटा 123 देशों में और गामा 75 देशों में मिल चुका है।
पाबंदियों में छूट से जोखिम बढ़ा
UBS सिक्योरिटीज इंडिया की चीफ इकोनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन ने कहा है कि कई राज्य पाबंदियों में ढील दे रहे हैं, बाजार खुल रहे हैं, इस वजह से तीसरी लहर का जोखिम और ज्यादा हो गया है। देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी है।
UBS की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले भारत में औसतन 40 लाख डोज हर दिन लगाए जा रहे थे। अब यह संख्या 34 लाख तक आ गई है। यह स्थिति इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि अब 45% केस ग्रामीण इलाकों में सामने आ रहे हैं।